फसलों के नुकसान भरपाई के लिए स्वाभिमानी किसान संघठन का आंदोलन
चांदूर रेलवे/दि.22 – धामणगांव विधानसभा की तीनों तहसील के गाँव में लगातार सुरू बारिश के पानी की वजह से किसानों के खेतों में पानी भर गया है. फसलों का 70 से 80 प्रतिशत तक फसलों का नुकसान हुआ है. इस विषय की प्राथमिक रिपोर्ट जिला अधिकारी को दी गई है. सरकारी घोषणा भी की गई 3 हेक्टेअर तक किसानों को प्रती हेक्टेअरी 13600 रुपये दिये जायेगे, लेकिन आज तक किसी भी तरह की कोई मदत किसानों के बँक खातों में जमा नहीं हुई है. आज भी सरकार किसानों को लेकर कोई ठोस कदम नहीं उठा रही और एक तरह से किसानों को गाजर दिखाते पंचनामों का ढोंग करती नजरा आ रही है.
किसानों का खेती कर्जा नैसर्गिक आपती तथा फसल न होने की वजह से समय पर भरना नही होता, ऐसे में किसानों के बँक खाते एन पी ए में जाकर सिबिल ख़राब होने से इस सीधा परिणाम उसे मिलने वाले अन्य सुविधाओं पर होता है. इस वजह से गृह कर्ज, पढाई के लिए कर्ज, वाहन कर्ज नहीं मिलता किसान परीवार की हालत ख़राब होती. आर्थिक संकट में घिर कर किसान आत्महत्या करने के लिए मजबूर हो जाता है. इसलिए सरकार किसान का खेती कर्ज का इतर कर्ज पर कोई परिणाम न हो इस और भी ध्यान देकर बँक निर्देशन देवे ताकी किसानों को सिबिल संबंधी कोई समस्या न हो. सरकार किसानों को दशहरे के पहले मदत की रक्कम किसानों के खातों में जमा कराये ऐसा निवेदन चांदूर रेल्वे उपविभागीय अधिकारी के मार्फत मुख्यमंत्री को भेजा गया और आज चांदूर रेल्वे उपविभागीय कार्यालय के सामने एक दिवसीय आक्रोश सम्मेलन रख सरकार से स्वाभिमानी किसान संघटना के विधासभा अध्यक्ष एड. चेतन परडके के नेतृत्व कार्यकर्ता राहुल गावंडे, कपिल पडघान, सूरज वानखेडे, महेश कुरसगे, सतीश गांवडे, रोशन नाईक, प्रशांत वायसकर, प्रदीप गायनर, प्रविण इंगळे, अनिल निमकर, अनिल इंगोले, राहुल बनसोड, प्रविन साहरे, अतुल भुजाडने के साथ असंख्य किसान उपस्थित रहकर समय से पहले मदत की गुहार लगा रहे हैं.