मुथ्थुट का व्यवस्थापक ही निकला डाके का मास्टर माईंड
पुलिस ने यवतमाल से 4 आरोपियों को लिया हिरासत में
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चोरी का माल भी बरामद, 9 किलो सोना चुराया गया था
वर्धा प्रतिनिधि/दि.१८ – गत रोज यहां के मुथ्थुट फिनकॉर्प में कुछ अज्ञात नकाबपोशों ने डाका डालकर डकैती की एक बडी घटना को अंजाम दिया था. जिसमें 3 लाख रूपये नकद सहित करीब साढे तीन किलो सोना चुराये जाने की शिकायत दर्ज करायी गयी थी. पश्चात मामले की जांच शुरू करते हुए पुलिस ने महज कुछ घंटों के भीतर इस डकैती की गुत्थी को सुलझा लिया और सभी लोग उस समय हैरत में पड गये, जब इस डकैती का मास्टर माइंड इस फाईनान्स कंपनी का व्यवस्थापक ही निकला. पुलिस ने इस डकैती में शामिल चार आरोपियों को यवतमाल के करलगांव घाट से गिरफ्तार किया है. साथ ही उनके पास से करीब 9 किलो सोना बरामद किया गया, जो मुथ्थुट फाईनान्स कंपनी से चुराया गया था.
बता दें कि, वर्धा शहर के मुख्य चौक पर स्थित मुथ्थुट फिनकॉर्प फाईनान्स कंपनी के ऑफिस में गुरूवार की सुबह 9.30 बजे जैसे ही हमेशा की तरह कामकाज शुरू हुआ, वैसे ही यहां पर एक नकाबपोश व्यक्ति आया और उसने यहां कार्यरत कर्मचारियों को पिस्तौल व चाकू का धाक दिखाते हुए बैंक में रखा सोना और नकद राशि अपनी बैग में भरने हेतु कहा. पश्चात वह बैंक के सभी कर्मचारियों को लॉकर रूम में बंद करके यहां से भाग गया. पश्चात इस मामले की शिकायत मिलने पर पुलिस ने अपनी जांच शुरू की. जानकारी के मुताबिक पुलिस को मामले की जांच करते ही मुथ्थुट फाईनान्स के व्यवस्थापक महेश अजाबराव श्रीरंगे पर संदेह होना शुरू हो गया था. क्योेंकि महेश श्रीरंगे ने अपने कार्यालय से साढे तीन किलो सोना चोरी होने की शिकायत दर्ज करायी थी. वहीं बैंक के ऑडिटर द्वारा दी गई जानकारी के मुताबिक इस डकैती में करीब 9 किलो सोना चोरी हुआ था. पश्चात पुलिस ने महेश श्रीरंगे की जांच पडताल करनी शुरू की और एलसीबी का पथक सीधे यवतमाल पहुंचा. जहां पर लोकेशन का आधार लेते हुए करलगांव घाट में चार लोगों को गिरफ्तार किया गया, और इन चारोें के पास से 9 किलो सोना भी बरामद किया गया.
जानकारी के मुताबिक मूलत: यवतमाल निवासी महेश श्रीरंगे मुथ्थुट फाईनान्स कंपनी में बतौर व्यवस्थापक कार्यरत है और उसने ही अपने कुछ दोस्तों के साथ मिलकर चोरी की इस घटना का नियोजन किया था. पश्चात मनीष श्रीरंग गोलवे (35, सरदार चौक, यवतमाल), कुणाल धर्मपाल शेंदरे (36), जीवन बबनराव गिरडकर (उज्वल नगर, यवतमाल) व किशोर सरदार आगाशे (कोल्हे ले-आउट, यवतमाल) के साथ मिलकर इस डकैती की वारदात को अंजाम दिया. पता चला है कि, महेश श्रीरंगे ने आर्थिक दिक्कतों से जूझ रहे अपने परिचित लोगों को इस काम के लिए इकठ्ठा किया था. जिसमें यवतमाल में भूखंड माफिया माने जाते मनीष गोलवे तथा फार्मासिस्ट के तौर पर काम करनेवाले कुशल सरदार का उसे भरपुर साथ मिला. साथ ही इस काम के लिए दो बेरोजगार युवकों को भी जाल में फांसा गया.
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पुराना झांसेबाज है महेश श्रीरंगे
पुलिस जांच में पता चला है कि, महेश श्रीरंगे पर इससे पहले यवतमाल के अवधूतवाडी पुलिस थाने में श्रीराम फाईनान्स सहित कई ग्राहकों के साथ जालसाजी करने के मामले दर्ज है. जिसके तहत उसने ग्राहकों का असली सोना पचाते हुए नकली सोने को गिरवी रखने का काम किया था. बाद में वह यवतमाल छोडकर वर्धा में रहने लगा, और वहां पर भी फाईनान्स कंपनी में गडबडियां करनी शुरू की. साथ ही यवतमाल भूखंड घोटाले के आरोपी मनीष गोलवे व फार्मासिस्ट कुशल आगाशे सहित कुणाल शेंदरे व जीवन गिरडकर को एक साथ बडी रकम मिलने का लालच देते हुए अपनी योजना में शामिल किया. जिसके बाद महेश के इशारे पर ही मनीष गोलवे उसके अन्य तीन साथियों ने मुथ्थूट फाईनान्स कंपनी के कार्यालय में डाका डाला और बडी आसानी से डकैती की घटना को अंजाम देकर मौके से फरार हो गये. लेकिन बाद में पुलिस ने पूरे मामले की कडी से कडी जोड ली, और कुछ घंटे के भीतर ही महेश श्रीरंगे सहित अन्य चार आरोपियों को यवतमाल जिले के करलगांव घाट से गिरफ्तार किया.