विदर्भ

नागपुर दूरदर्शन केंद्र बंद पड़ने की कगार में

कार्यक्रम निर्मिति दिक्कत में - केंद्र में पीजीएफ में स्टाफ की कमी

नागपुर/प्रतिनिधि दि.१२ – नागपुर दूरदर्शन केंद्र से 31 अक्तूबर तक टेरेस्टोरियल ट्रान्समिशन बंद होने वाला है. इस कारण इस केंद्र से प्रसारित होने वाले कार्यक्रम भविष्य में बंद पड़ने की चिंता कर्मचारियों को सता रही है.
फिलहाल नागपुर दूरदर्शन केंद्र में सॅटेलाइट के लिए अपलिंकिंग और पीजीएफ (प्रोग्राम जनरेशन फॅसिलिटी) सेवा शुरु है. यह दूरदर्शन केंद्र 1982 में शुरु हुआ था. तब से यहां कार्यक्रम की निर्मिति करने व प्रसारण करना जारी है. लेकिन इस प्रसारण को ब्रेक लगा है. इस केंद्र में अब कार्यक्रम अधिकारी एक ही है. निर्मिति सहायक एवं संपादक भी एक ही होकर कॅमेरा मेन नहीं है. इतना ही नहीं, नई पदभर्ती के लिए किसी भी प्रकार की हलचल नहीं है. अधूरे तकनीकी स्टाफ में कार्यक्रमों की निर्मिति होना कठिन है. विदर्भ के कार्यक्रमों के लिए मुंबई से रोज सिर्फ आधा घंटा ही समय दिया जा रहा है. इस कारण यह केंद्र बंद पड़ने का भय कर्मचारियों व्दारा व्यक्त किया जा रहा है.

दूरदर्शन यह शासकीय सेवा है. वह अपग्रेड होने की आवश्यकता है. स्थानीय टॅलेंट को प्रोत्साहन मिलने वाली व्यवस्था चाहिए, आज भी कुछ कार्यक्रमों में दूरदर्शन का टीआरपी अच्छा है.
– नरेन्द्र शिंदे, सिरिअल निर्माता

विदर्भ के कलाकारों के लिए नागपुर दूरदर्शन केंद्र महत्वपूर्ण है. यहां पहले 2 से 3 घंटे का कार्यक्रम तैयार होता था. लगातार स्टाफ कम होने के चलते अब विदर्भ की कला, साहित्य, संस्कृति, कलाकारों को आधे घंटे का ही समय मिल रहा है. इस कारण आदिवासी क्षेत्र से संबंधित कला का प्रदर्शन भी प्रभावित होने की संभावना है. यह स्थिति सुधारने की बजाय स्टाफ कम किया जाना आश्चर्यजनक है.
– जी.एस,ख्वाजा, कलाक्षेत्र के तज्ञ

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