प्रतिनिधि/दि. २०
नागपुर – वस्तु एवं सेवाकर आसूचना महानिदेशालय (डीजीजीआई) नागपुर ने जीएसटी के चोरी मामले में बुधवार को बडी कार्रवाई की है. उपराजधानी में छह सहित देशभर में २३ कंपनियों पर छापेमारी की गई.इसमें कई चौंकाने वाली जानकारियों सामने आयी है. ४३४ करोड के फर्जी लेन-देन का खुलासा हुआ है. इसी के माध्यम से ७८.१३ करोड रूपये का इनपुट क्रेडिट टैक्स का लाभ लिया गया हैे.ई-बिल की जांच में यह भी सामने आया कि दस्तावेजों के माध्यम से जिन वाहनों के नंबर माल ढुलाई के दिखाए गये, वो नंबर दुपहिया और तिपहिया वाहनों के हैं. इससे साफ है कि किसी तरह की माल ढुलाई नहीं हुई है.
हरियाणा, पंजाब और दिल्ली के दस्तावेजों से फर्जीवाडा-
डीजीजीआई की टीम ने नागपुर में छापेमारी के बाद जांच शुरू की तो सोनीपत(हरियाणा), जालंधर(पंजाब) और दिल्ली के दस्तावेज मिले हैं. पूछताछ में सामने आया कि तमिलनाडू से नई दिल्ली तक फर्जी इनवाइस बनाने का सिलसिला चल रहा था. इस इनवाइस पर कोई भी सामान नहीं भेजा जा रहा था. इस दौरान यह दिखाया जा रहा था कि लोहा, स्टील, इंसुलेटेड तार,प्लास्टिक आर्टिकलटू कॉपर/ एज्युमीनियम वेस्ट और स्क्रैप का व्यापार किया जा रहा है. लेन-देन का आंकडा ५ करोड पहुंचने से पहले काम बंद फर्जीवाडा करनेवालों ने खूब सतर्कता बरती है. इन कंपनियों ने एक कंपनी से मात्र ५ करोड से कम का लाभ लिया है. दरअसल, किसी भी जीएसटीआईएन की सीमा ५ करोड पहुंचने से पहले ही उसके ट्रांजेक्शन को बंद कर दिया. ५ करोड रूपये से अधिक की जीएसटी चोरी के मामलों में जमानत नहीं मिलती है.यही वजह है कि आगे के फर्जीवाडे के लिए नई कंपनी और पार्टनरशिप के लिए पॅनकार्ड का उपयोग किया गया.
जांच में चौंकानेवाले खुलासे
दस्तावेज खंगाले तो मालढुलाई में ऐसे वाहनों के नंबर मिले, जो दुपहिया और तिपहिया है, कंपनियों के लिए जो पते दर्ज है, हकीकत में वहां कुछ नहीं है.
ये हैं फर्जी कंपनियां
मैं. ओरोना ट्रेडर्स में एलोरा सेल्स, मै.रॉबिन सेल्स, मैं. आस्था इन्टरप्राइजेज, मैं. पारस इंटरप्राइजेज, मै.एलिका इन्टरप्राइजेज.
मास्टराइंड दिल्ली में
फर्जीवाडे का मास्टमाइंड दिल्ली में है. वहीं से पूरा खेल चल रहा है. दिल्ली के जोगिन्दर सिंह को समन दिया गया, लेकिन वह फरार है. इसके अलावा इस मामले में दिल्ली के स्वदेश शर्मा, उनके बेटे जालंधर के अमित शर्मा और सोनीपत के किशोर कुमार फरार चल रहे है.