विदर्भ

फेलोशिप के लिए राष्ट्रीय मानांकन शिक्षा संस्था की शर्त रद्द

देश के किसी भी विद्यापीठ के पात्र विद्यार्थी लाभ ले सकेंगे

नागपुर/दि.29 – डॉ. बाबासाहब आंबेडकर संशोधन व प्रशिक्षण संस्था द्वारा (बार्टी) अनुसचित जाति के विद्यार्थियों को दी जानेवाली राष्ट्रीय संशोधन अधिछात्रवृत्ति (फेलोशिप)के लिए रहनेवाली राष्ट्रीय मानांकन शिक्षा संस्था की शर्त रद्द की गई है. जिसके कारण अब देश के किसी भी विद्यापीठ के पात्र विद्यार्थी इस फेलोशिप का लाभ ले सकेंगे. इतना ही नहीं बार्टी ने विद्यार्थियों की संख्या हर साल 200 बढाई है.
पीएचडी व एमफील करनेवाले विद्यार्थियों के लिए राष्ट्रीय संशोधन अधि छात्रवृध्दि (फेलोशिप)यह योजना 2013 से बार्टी के माध्यम से शुरू की गई है.
इस छात्रवृत्ति का लाभ लेना हो तो आवेदक राष्ट्रीय मानांकित शिक्षा संस्था का विद्यार्थी हो यह शर्त रखी गई है. राज्य में ऐसे मानांकित संस्था में समावेश होनेवाली विद्यापीठ गिनती की है. उसमें एक भी पशुवैद्यक व कृषि विद्यापीठ भी नहीं है. जिसके कारण इस योजना का लाभ चाहिए जैसा विद्यार्थियों को मिल नहीं सकता था. इस योजना मेें सात वर्ष में कुल लाभार्थी संख्या केवल 105 थी.
विगत दो वर्ष में विज्ञापन ही नहींं आया. चालू वर्ष मेें केवल एक ही लाभार्थियों को लाभ मिला है. जिसके कारण इस योजना की शर्त रखी थी वह शुरू से ही विद्यार्थियों के लिए सख्त थी.परिणामस्वरूप बार्टी के मुल उद्देश्य पूरे नहीं किए जा सकते थे. अनेक शिक्षा व सामाजिक संगठनों ने इसके विरोध में आवाज भी उठाई. आखिर बार्टी ने यह शर्त रदद की.

आंदोलन को सफलता

स्टुडंट हेल्पिंग हैंड द्वारा हमने यह विषय लेकर पकडा था. बार्टी का उद्देश्य अच्छा था. लेकिन राष्ट्रीय मानांकन शिक्षा संस्था की शर्त के कारण अनेक परिश्रमी विद्यार्थी इस परिश्रम का लाभ नहीं ले सकते थे. बार्टी ने आखिर यह शर्त रद द की. इस संदर्भ में 2019 व 2020 में इन दोनों वर्षो की जगह बढाकर 200 रूपये की गई है. जिसके कारण आंदोलन को सफलता मिली.
– कुलदीप आंबेकर,
अध्यक्ष स्टुडंट हेल्पिंग हैंड

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