
नागपुर/प्रतिनिधि दि.१५ – बहुचर्चित नागपुर जिला मध्यवर्ती सहकारी बैंक के 125 .60 करोड़ रुपए के घोटाले की केस आगामी चार महीनों में हल करने के आदेश मुंबई उच्च न्यायालय ने दिये है. इसके साथ ही इस केस की प्रगति की रिपोर्ट हर माह प्रस्तुत करने के भी आदेश न्यायालय ने दिये हैं.
राज्य के विद्यमान पशुसंवर्धन व दुग्ध व्यवसाय और क्रीड़ा मंत्री सुनील केदार अध्यक्ष पद पर रहते 2002 में एनडीसीसी बैंक ने होम ट्रेडर्स को सरकारी रोकड़ में निवेश के लिये 152 करोड़ रुपए दिये थे. यह रकम बाद में होम ट्रेडर्स की ओर बैंक को वापस नहीं मिली. इस मामले का हो-हल्ला होने के बाद उसकी जांच की गई और आरोपी के खिलाफ आरोप निश्चित किया गया. यह केस फिलहाल जिला विशेष न्यायालय में शुरु है. इसके अलावा राज्य के मुंबई, वर्धा, अमरावती, पुणे व उस्मानाबाद की केसेस अटके पड़े हैं.
राज्य के सभी जिला मध्यवर्ती सहकारी बैंकों के घोटाले की केसेस एकत्रित कर मुंबई में चलाने की विनती करने वाली याचिका मुंबई उच्च न्यायालय में दाखल की गई है. इस बाबत उच्च न्यायालय में 9 आवेदन दाखल किये गये थे. न्यायालय ने उन्हें न्यायालय खारिज कर दिया था. मात्र इस मामले की सुनवाई दरमियान न्यायालय ने सभी केसेस 9 जुलाई से आगामी चार महीनों में हल करने के आदेश संबंधित जिला व सत्र न्यायालय को दिये हैं.