विदर्भ

‘एटीएम’ का नया ‘फंडा’, प्लग बंद कर चोरी

‘कैश’ निकलने के बाद भी खातेधारक के खाते में रुपए वापस

नागपुर/ दि.6 – एटीएम मशीन में ‘स्केल’ जैसी पट्टी डालकर रुपए निकालने वाले रैकेट का भांडाफोड करने के बाद बैंकिग क्षेत्र में खलबली मच गई थी, मगर अब गिरोह ने इससे भी आगे जाकर ‘व्हाईट कॉलर’ चोरी करने का मामला सामने आया है. एटीएम मशीन से रुपए निकालने के लिए नया ‘फंडा’ अपनाया है. विशेष ‘प्लग’ बंद किया जाता है. जिसके माध्यम से कैश तो निकलती है, मगर खातेदार के खाते में वह दर्ज नहीं होता और खाते के रुपए वापस आ जाते है, इस तरीके से फिलहाल एक बैंक से पुलिस थाने में शिकायत प्राप्त हुई. फिर भी संबंधित व्यक्त व्दारा अन्य बैंकों को चुना लगाने की संभावना को नकार नहीं जा सकता.
इस बारे में बजाज नगर पुलिस थाने में शिकायत दर्ज की गई है. मिली जानकारी के अनुसार एक व्यक्ति ने आरबीएल बैंक को इस तरीके से चुना लगाया है. बैंक के एटीएम मशीन में पिछले वर्ष 7 अक्तूबर को यह मामला बैंक के मुख्यालय के समझ में आया. एक व्यक्ति ने एटीएम में आकर दूसरे बैंक का कार्ड डाला और 10 हजार रुपए निकालने की प्रक्रिया की. जिसमें रुपए मशीन से आधे बाहर आ रहे थे, तब वह खिचकर क्षणभर में एटीमए का विशेष प्लग बंद किया. जिसके कारण मशीन बंद हो गई. संबंधित व्यक्ति को नगद राशि मिल गई, परंतु तकनीकी गडबडी के कारण उसके बैंक खाते में रुपए वापस हो गए. इसका अर्थ उसने रुपए निकाले, मगर हकीकत में उसने बैंक के खाते से लिखित तौर पर एक रुपया भी नहीं निकाला, इस तरह उसने एक दिन में सात बार रकम निकाली. विभिन्न तरह से बैंक ऑडिट करते समय बैंक के मुख्यालय व्दारा बैंक में दर्ज बातों की जांच की जा रही थी, उस समय यह गडबडी सामने आयी. उसकी जानकारी तत्काल नागपुर शाखा को दी गई. बैंक के अधिकारियों ने बजाज नगर पुलिस थाने में शिकायत दर्ज कराई है.
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ऐसे हुआ मामला उजागर
बैंक की ओर से पिछले वर्ष लेन-देन के आंकडे की जांच करते समय संबंधित एटीएम में जमा की गई रकम व निकाली गई रकम का तालमेल नहीं मिल रहा था. इस बारे में मुख्य शाखा की ओर से संबंधित अधिकारी को मेल किया गया. उसके बाद जांच की गई, तब 70 हजार रुपए ट्रांजेक्शन पर संदेश बढ गया, तब सीसीटीवी के माध्यम से जांच की गई, तब संबंधित व्यक्ति ने किस तरह की हरकत की. यह बात समज में आ गई.

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