विदर्भ

आठवीं कक्षा उत्तीर्ण नीलेश का बड़ा कारनामा

यूट्युब से नकली नोट बनाने का लिया प्रशिक्षण

  • साथियों सहित गिरफ्तार, 4 जून तक पीसीआर

नागपुर/दि.3 – सुपर कम्प्यूटर के समान बुध्दिवाले आठवीं कक्षा उत्तीर्ण 24 वर्षीय युवक ने यूट्युब के जरिए नकली नोट बनाने का प्रशिक्षण लिया. एक-दो हजार नहीं बल्कि लाख रुपए के नकली नोट छापकर उसे बाजार में चलाया. बिनधास्त यह काम जारी था. आखिरकार वह साथियों के साथ पुलिस के हत्थे चढ़ा.
सूत्रधार नीलश राजू कडबे (24, मलका कॉलोनी,समतानगर), मारुफ खान रफीक खान (24, ताजनगर, टेका) व रवि बेसरे (34) इन तीनों को गिरफ्तार किया गया है. नीलेश एक छापखाने में काम करता था. उसे फलक, पुस्तक, पत्रक छापने का अनुभव था. इस कारण ही वह आर्थिक दिक्कतों को दूर करने के लिए उसे नकली नोट छापकर आर्थिक दिक्कतें दूर करने की कल्पना सूझी. उसने युट्यूब से नकली नोट छापने का प्रशिक्षण लिया. डेढ़ महीने तक उसका अभ्यास किया. पश्चात कम्प्यूटर, स्कैनर, प्रिंटर व नोट छापने के लिये लगने वाली स्याही जमा की. शुरुआत में उसने 100 से 50 रुपए की नोट छापी. उसे फल-सब्जी विक्रेताओं के पास चलायी. नोट चलने की बात मालूम होते ही उसने बड़े पैमाने पर 100,50 व 20 रुपए के नोट छापना शुरु किया. उन नोटो को चलाने उसने मारुफ व रवी को भी बाजार में साथ लिया. तीनों ने बाजार में इन नोटों को चलाया. नीलेश 1 हजार रुपए तक ऑनलाइन खाद्य पदार्थों की ऑर्डर देता था. खाद्य पदार्थ लेकर आने वाले डिलेवरी बॉय को वह 50 रुपए की गड्डी देता था. शुरुआत की दो और आखिरी में दो ऐसे 50 रुपए की सही नोट वह गड्डी में रखकर नकली नोट चलाता था. वहीं दो अन्य विविध वस्तु खरीदी कर इन नोटों को चलाते थे.
डेढ़ माह पूर्व क कम्प्यूटर का काम होने की बात कहकर नीलेश ने मानकापुुर में किराये से रुम ली. वहां पर उसने नोटो का छापखाना शुरु किया. इस बात की भनक पुलिस को लगी. अपराध शाखा के अतिरिक्त पुलिस आयुक्त सुनील फुलारी, उपायुक्त गजानन राजमाने के मार्गदर्शन में निरीक्षक किशोर पर्वते व उनके साथियों ने तीन दिनों पूर्व छापा मारकर नीलेश व मारुफ को गिरफ्तार किया. मंगलवार को पुलिस ने उसके साथी रवि को भी गिरफ्तार किया. तीनों 4 जून तक पुलिस कस्टडी में रहेंगे. जानकारी है कि इन नोटों को पहचानने के लिये बैंक के अधिकारियों को भी बड़ी मेहनत करनी पड़ेगी.
नीलेश ओएलएक्स पर शेअरिंग मेंं रुम किराये पर लेता था. वह मिलने के बाद शुरुआत में वह साथियों का विश्वास संपादित करता था. पश्चात आठ दिनों में उसका लॅपटॉप, पैसे व मोटर साइकिल लेकर फरार हो जाता था. उसके खिलाफ शहर के दो पुलिस थानों में चोरी का अपराध दर्ज है.

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