विदर्भ

आर्थिक अपराधों में हथकडी नहीं

संसदीय समिति की अनुशंसा

* अभिरक्षा के नियम भी बदलेंगे
नागपुर/दि.14– आर्थिक अपराधों में आरोपियों को हथकडी नहीं लगाने की सिफारिश गृह विभाग की संसदीय समिति ने की है. भारतीय नागरी सुरक्षा संहिता अंतर्गत आरोपी की 15 दिनों की पुलिस कस्टडी के कुछ नियमों में भी समिति ने परिवर्तन बतलाए हैं. समिति का यह भी कहना है कि आर्थिक अपराधों हेतु यह शब्द ही धारा से हटा दिया जाए. यह रिपोर्ट गत अगस्त में ही प्रस्तुत कर दी गई थी.
भाजपा सांसद ब्रजलाल की अध्यक्षता वाली समिति ने सिफारिश की है कि आर्थिक अपराधों की श्रेणी में आने वाले प्रकरणों में आरोपियों को हत्या, बलात्कार जैसे गंभीर प्रकरणों के अपराधियों जैसी तुलना न की जाए. भारतीय न्याय संहित विधेयक और भारतीय साक्ष अधिनियम विधेयक लोकसभा में प्रस्तुत किए गए हैैं, जो वर्तमान फौजदारी कानूनों का स्थान लेने जा रहे हैं. आर्थिक मामलों में छोटे-मोटे प्रकरण से लेकर बडे मामले तक शामिल रहते हैं, इसलिए हथकडी न लगाने का प्रावधान उचित है. धारा 43 (3) के अनुसार आरोपी को हथकडी लगाने का प्रावधान है ताकी वह पुलिस पर हमला न करे और भाग न जाए. इस श्रेणी में आर्थिक स्वरुप के प्रकरणों का समावेश करने की मनाही संसदीय समिति ने की है.

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