विदर्भ

प्रदेश में दो वर्ष से प्रोत्साहन अनुदान नहीं

600 राइस मिल बंद

* मिलर्स को 212 रुपए प्रति क्विंटल घाटा

नागपुर/दि. 18– सरकार के खरीदी केंद्र पर लाया गया धान मिलीन कर भारतीय खाद्य निगम को चावल दिया जाता है. इसके लिए मिलर्स को प्रति क्विंटल 785 रुपए खर्च आता है. अन्य उत्पादनों से मिलर्स को 573 रुपए मिलते हैं. जिससे प्रति क्विंटल 212 रुपए नुकसान होने के कारण प्रदेश में एक के बाद एक राइस मिले बंद हो रही है. यह जानकारी विदर्भ राइस इंडस्ट्रीज असो. ने दी. उन्होंने बताया कि क्षतिपूर्ति के लिए सरकार प्रति क्विंटल 140 रुपए इनसेंटिव देती थी. 2 वर्षो से यह अनुदान बंद हो गया है. जिसके कारण राइस मिल का धंधा घाटे का सौदा हो गया.

* मध्य प्रदेश का मॉडल
मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ में राइस मिल को कस्टम मिलिंग हेतु अनुदान दिया जा रहा है. एमपी में 200 रुपए और छत्तीगढ में 120 रुपए प्रति क्विंटल लिए जाते हैं. महाराष्ट्र में भी अनुदान बढाने के लिए गुहार लगाई गई. जिस पर गत सितंबर में हुई बैठक दौरान कोई निर्णय नहीं हो सका. जिससे प्रदेश में 600 मिल बंद पड गई है.

* मिलर्स का खर्च
– चावल की 22 किलो टूट – 660 रुपए
– बिजली खर्च – 40 रुपए
– हमाली – 30 रुपए
– सिलाई – 10 रुपए
– ऑपरेटर – 15 रुपए
– अन्य – 30 रुपए
– कुल – 785 रुपए
* मिलर्स को आवक
– 2 किलो टुकडा 18 रुपए की दर से – 396 रुपए
– राइसब्रान 7 किलो- 140 रुपए
– 25 किला भूसा – 37 रुपए
– कुल – 573

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