नागपुर/दि. 30- पहले ही संचित अवकाश (पैरोल) पर रहे कैदी द्वारा सत्यनारायण की पूजा के लिए अवकाश बढाकर देने का अनुरोध करनेवाली याचिका मुंबई उच्च न्यायालय की नागपुर खंडपीठ ने खारिज कर दी है. निर्धारित कालावधि से अधिक अवकाश दिया नहीं जा सकता. साथ ही सत्यनारायण की पूजा यह पैरोल का कारण रह नहीं सकता, ऐसा महत्वपूर्ण निरीक्षण दर्ज कर हाईकोर्ट ने यह याचिका खारिज कर दी. संबंधित कैदी का नाम गणेश शिवभरण साहू है.
नागपुर के बहुचर्चित कांबले दोहरे हत्याकांड में गणेश साहू और अन्य दो लोगों को उम्रकैद की सजा सुनाई गई है. गणेश के भाई का जनवरी 2025 में विवाह था. इसके लिए पैरोल मिलने आवेदन किया था. इसके तहत उसे भाई के विवाह के लिए 15 दिन का पैरोल मंजूर किया गया था. 11 जनवरी को पैरोल का आदेश दिया गया था. बाद में उसने यह अवकाश बढाने के लिए आवेदन किया. भाई के विवाह के बाद अब 9 फरवरी को घर पर सत्यनारायण की पूजा निश्चित की गई है. इस पूजा के लिए 15 दिन पैरोल बढाकर देने का आवेदन उसने किया. यह आवेदन कारागृह विभाग के उपमहासंचालक ने खारिज कर दिया. इस पर उसने उच्च न्यायालय में गुहार लगाई. उसे विधि सेवा प्राधिकरण की तरफ से वकील भी दिया गया. वकील द्वारा किए गए युक्तिवाद को न्यायालय ने सुना. लेकिन नियमित पैरोल नियमानुसार केवल 13 (आई) में दर्ज किए कारणों के लिए ही संचित अवकाश मंजूर किया जा सकता है. इस नियम का लाभ याचिकाकर्ता द्वारा पहले ही लिया गया है. साथ ही 2 जनवरी को पैरोल नियम में किए गए सुधार के नियम 18 के मुताबिक पैरोल कालावधि को किसी भी परिस्थिति में मंजूर कालावधि से अधिक बढाकर नहीं दी जा सकती. याचिकाकर्ता ने पहले ही अपने भाई के विवाह के लिए पैरोल का लाभ लिया है. अब पैरोल बढाने के लिए सत्यनारायण की पूजा का कारण नहीं दिया जा सकता, ऐसा निरीक्षण दर्ज कर न्यायालय ने यह याचिका खारिज कर दी.