नागपुर/दि.2- अकोला जिले के पारस औष्णिक बिजली निर्मिती केंद्र के 90 हजार मीट्रिक टन पॉण्ड अॅश बालाजी ईंट सेंटर व अन्य चारों को बेचने के आदेश को अंतरिम स्थगनादेश देने की मांग मुंबई उच्च न्यायालय के नागपुर खंडपीठ ने नामंजूर की है. साई पॉण्ड अॅश ट्रान्सपोर्टिंग कंपनी ने यह मांग की थी. न्यायमूर्तिद्वय अतुल चांदूरकर व वृषाली जोशी ने महानिर्मिती कंपनी को यह राहत दी. साई कंपनी में 419 रुपए प्रतिमेट्रिक टन दर से 8 लाख 50 हजार मेट्रिक टन पॉण्ड अॅश खरीदी की बोली लगाई थी. यह बोली मंजूर की गई, लेकिन कंपनी को केवल 7 लाख 20 हजार मेट्रिक टन पॉण्ड अॅश विक्री का आदेश जारी किया गया. तथा अन्य दो कंपनी को समान दर से 90 हजार मेट्रिक टन पॉण्ड अॅश दी गई. इसके बाद शेष और 90 हजार मेट्रिक टन पॉण्ड अॅश बालाजी ईंट सेंटर व अन्य चारों को दी गई. इसके संदर्भ में 9 अगस्त को आदेश किया गया. इस आदेश के खिलाफ साई कंपनी ने हाईकोर्ट में याचिका दायर की है. आगे के मुद्दे ध्यान में लेने के लिए इस प्रकरण पर आगामी 12 अक्टूबर को सुनवाई निश्चित की गई है. महानिर्मिती की ओर से एड. मोहित खजांची तथा बालाजी सेंटर सहित अन्यों की ओर से एड.महेश धात्रक ने कामकाज देखा.