विदर्भ

विदर्भ में रिफाईनरी नहीं, बल्कि पेट्रोकेमिकल कॉम्प्लेक्स

नेता प्रतिपक्ष देवेंद्र फडणवीस ने दी जानकारी, ‘नाणार’ साकार होगा

  • छह माह में टेक्नो-फिजीबिलीटी रिपोर्ट पेश होगी

नागपुर/दि.13 – क्रूड ऑईल की दोगुनी ढुलाई के चलते समुद्र किनारे से दूर किसी अंतर्गत भूभाग में रिफाईनरी को शुरू करना काफी खर्चिला होता है. यहीं वजह है कि, विदर्भ में नागपुर के पास रिफाईनरी नहीं बल्कि 200 से अधिक उद्योगों को कच्चे माल की आपूर्ति करनेवाले पेट्रो केमिकल कॉम्प्लेक्स प्रकल्प को प्रस्तावित किया गया है. जिसे लेकर आगामी पांच-छह माह में उसकी व्यवहार्यता (टेक्नो-फिजीबिलीटी) रिपोर्ट आने के बाद प्रत्यक्ष प्रकल्प का काम शुरू होगा. ऐसी जानकारी विधानसभा के नेता प्रतिपक्ष देवेंद्र फडणवीस द्वारा गत रोज दी गई है.
इस समय उन्होंने बताया कि कोंकण के नाणार में प्रस्तावित रिफाईनरी व पेट्रो केमिकल कॉम्प्लेक्स का नागपुर के प्रस्तावित प्रकल्प से कोई संबंध नहीं है तथा नागपुर या नाणार यह बहस का मुद्दा ही नहीं है, क्योंकि नाणार में अब तक का देश में सबसे बडा निवेश होगा और अगले कुछ दिनों में शिवसेना का इस प्रकल्प को रहनेवाला विरोध भी खत्म हो जायेगा.
पूर्व मुख्यमंत्री फडणवीस ने बताया कि विगत माह नागपुर के विदर्भ इकॉनॉमिक डेवलपमेंट काउंसिल (वेद) संस्था के पदाधिकारियों व उद्योजकों द्वारा केंद्रीय पेट्रोलियम मंत्री धर्मेंद्र प्रधान से मुलाकात की गई थी. इस समय हुई चर्चा में यह तथ्य सामने आया था कि, देश में उत्पादित होनेवाले पेट्रो केमिकल उत्पादों से हमारी केवल 40 फीसदी जरूरत पूर्ण होती है. ऐसे में इस उद्योग के विकेंद्रीकरण की जरूरत है. जिसके तुरंत बाद तत्कालीन पेट्रोलियम मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने नागपुर के प्रस्ताव की टेक्नो फिजीबिलीटी रिपोर्ट तैयार करने के निर्देश संबंधित अधिकारियों को दिये थे. वहीं नये पेट्रोलियम मंत्री हरदीपसिंह पुरी भी इस प्रस्ताव को आगे ले जाने के लिए पूरी तरह से अनुकूल है और वे (फडणवीस) जल्द ही नये पेट्रोलियम मंत्री पुरी से मुलाकात करेंगे.
इसके साथ ही फडणवीस ने यह भी बताया कि, नागपुर के पास इस प्रकल्प हेतु जगह की कमी नहीं होगी. इस प्रकल्प के लिए कुही-मांढल परिसर में भी जगह उपलब्ध है. किंतु यदि निम्स् के लिए निश्चित की गई जगह महंगी पडती है, तो अन्य किसी जगह के बारे में विचार करना पडेगा.

फडणवीस ने कहा कि…

– रिफाईनरी या पेट्रो केमिकल कॉम्प्लेक्स इसे लेकर किसी तरह का संभ्रम नहीं रखा जाना चाहिए. विदर्भ में पेट्रोकेमिकल कॉम्प्लेक्स ही प्रस्तावित है.
– खाडी देशों से समुद्री मार्ग के जरिये कच्चा तेल लाया जाता है. ऐसे में यदि रिफाईनरी को समुद्र किनारे से काफी दूर स्थापित किया जाता है, तो ढुलाई का खर्च दोगुना अधिक करना पडेगा.
– पेट्रो केमिकल कॉम्प्लेक्स के जरिये उत्पादित होनेवाले उत्पाद 200 से अधिक उद्योगोें के लिए कच्चे माल के तौर पर प्रयुक्त होते है. ऐसे में इस प्रकल्प के चलते विदर्भ एवं मध्यभारत में विकास का नया सूरज उगेगा.
– नागपुर में नई बुटीबोरी व अन्य स्थानों पर नये प्रकल्प के लिए पर्याप्त जमीन उपलब्ध है. ऐसे में नये सिरे से भूसंपादन करने की जरूरत नहीं पडेगी.
– कई विधायकों द्वारा यह प्रकल्प अपने क्षेत्र में स्थापित करने की मांग की जा रही है. किंतु पेट्रोलियम मंत्रालय की रिपोर्ट के बाद ही ऐसी किसी चर्चा का कोई अर्थ रहेगा.
– नाणार में तीन लाख करोड का निवेश होगा. इस प्रकल्प के लिए शिवसेना द्वारा किये जा रहे विरोध को देखते हुए रायगड जिले में नई जगह निश्चित की गई है.
– रायगड में तय की गई जगह के लिए शिवसेना की सहमति है. लेकिन अब शिवसेना के ही एक गूट द्वारा आग्रह किया जा रहा है कि, यह प्रकल्प नाणार में ही स्थापित किया जाये.
– मूलत: नाणार के 10 हजार किसानों की सहमति रहने के चलते नये केेंद्रीय मंत्री नारायण राणे पर नाणार की जवाबदारी डालने का सवाल ही नहीं उठता.
– महाराष्ट्र की तरह शराब से मिलनेवाले राजस्व का कोई आर्थिक स्त्रोत नहीं रहने के बावजूद गुजरात की आर्थिक स्थिति काफी बेहतरीन है. जिसके पीछे मुख्य वजह वहां पर रिफाईनरी उद्योग रहना है. इस बात को ध्यान में रखा जाना चाहिए.

प्रशिक्षित मनुष्यबल के लिए दो ‘नायपर’

पेट्रो केमिकल कॉम्प्लेक्स के लिए विदर्भ में प्रशिक्षित मनुष्यबल तैयार करने की प्रक्रिया शुरू हो गई है. जिसके लिए फार्मसी क्षेत्र में प्रतिष्ठित रहनेवाली नैशनल इन्स्टिट्यूट ऑफ फार्मास्यूटीकल एज्युकेशन रिसर्च (नायपर) संस्था द्वारा काम किया जायेगा. जिसके तहत चंद्रपुर में नायपर संस्था स्थापित करने को मंजुरी मिल चुकी है. वहीं नागपुर में भी इस संस्था की एक शाखा प्रस्तावित है, ऐसी जानकारी भी पूर्व मुख्यमंत्री व नेता प्रतिपक्ष देवेंद्र फडणवीस द्वारा दी गई है.

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