विदर्भ

एकल खंडपीठ को नहीं सुनवाई का अधिकार, रद्द किया फैसला

जूनियर कॉलेज में शिक्षा सेवक की नियुक्ति का मामला

नागपुर/दि.20 – बॉम्बे हाईकोर्ट की नागपुर खंडपीठ में एकल न्यायमूर्ति द्बारा दिए गए एक फैसले को डिवीजन बेंच ने इस आधार पर रद्द कर दिया है कि, एकल खंडपीठ को उस मामले में सुनवाई करने का अधिकार ही नहीं था. न्या. सुनील शुक्रे व न्या. अविनाश घारोटे की खंडपीठ ने स्पष्ट किया कि यदि एकल खंडपीठ ऐसे किसी प्रकरण पर सुनवाई लेती है, जिसे सुनने के अधिकार सिर्फ डिवीजन बेंच को हो, तो एकलस खंडपीठ के आदेश का रद्द करना ही सही है. सावित्रीबाई फुले जूनियर कॉलेज महागांव, यवतमाल में दीपक चाफले की बतौर शिक्षा सेवक नियुक्ति की गई थी. पंचशीला पाटील ने इस नियुक्ति को ग्रीवेंस कमेटी के पास चुनौती दी थी. ग्रीवेंट कमेटी में इस अपील को खारिज कर दिया. जिसके बाद पाटील ने हाईकोर्ट की शरण ली थी. मामले में एकल खंडपीठ ने सुनवाई करते हुए शिक्षा सेवक की नियुक्ति रद्द करके शिक्षा संस्था को पद पर नए सिरे से नियुक्ति के आदेश दिए थे. चाफले ने इस मामले को डिवीजन बेंच के समक्ष चुनौती दी थी. डिवीजन बेंच ने शिक्षा सेवक नियुक्ति मामले में ग्रीवेंस कमेटी कोई अर्ध न्यायिक संस्था नहीं है, जो राज्य सरकार को आदेश जारी करें, बल्कि ग्राीवेंस कमेटी महज एक फोरम है. जो राज्य सरकार को सलाह दे सकती है. राज्य सरकार सलाह दे सकती है. राज्य सरकार सलाह मानने या नहीं मानने के लिए स्वतंत्र है. ऐसे में साफ है कि, ग्रीवेंस कमेटी का फैसला कोई न्यायिक आदेश नहीं है, जिस पर एकल खंडपीठ सुनवाई ले सके, ऐसे में हाईकोर्ट ने एकल खंडपीठ की फैसला रद्द कर दिया.

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