विदर्भ

सेतू में दाखिले के लिए अब ‘शॉर्टकट’ भूल जाए

जिसका आवेदन पहले उसे ही दाखिला

पुणे/दि.6– शाला, महाविद्यालय के प्रवेश के लिए आवश्यक दाखिले कम समय में और आसानी से मिलने के लिए ‘शॉर्टकट’ का मार्ग अपनाया जाता है. इससे पालकों की आवश्यकता को ध्यान में रख ठगा जाता है. ऐसी घटनाओं पर कायमस्वरुप पाबंदी लगाने और ‘शॉर्टकट’ बंद करने के लिए अब महासेतू विभाग में फीफो प्रणाली का इस्तेमाल शुरु किया गया है. इस कारण जिसका आवेदन पहले आया उसे ही उचित जांच के बाद दाखिला दिया जाने वाला है.
महासेतू, अपनी सरकार तथा अन्य सरकारी वेबसाइट से दाखिले मिलने के लिए आवेदन किया जाता है. पश्चात तहसील कार्यालय में इन आवेदनों का निपटारा किया जाता है. कौन सा आवेदन पहले निपटाया जाए, इसके अधिकार संबंधित अधिकारियों को रहते हैं. पहले आवेदन करने के बाद भी अनेकों को दाखिले देरी से मिल रहे थे. नई प्रणाली के कारण इस पर रोक लगने वाली है. जाति प्रमाण पत्र, डोमीसाइड, उत्पन्न दाखिला, शपथ पत्र, नॉन क्रिमिलेयर, निवासी, वरिष्ठ नागरिक प्रमाणपत्र ऐसे कुल 15 तरह के प्रमाणपत्र के लिए अब फीफो प्रणाली का इस्तेमाल शुरु हुआ है. यह प्रणाली पहले से ही उपलब्ध है. लेकिन उस पर अमल अब किया जा रहा है.

नई प्रणाली का लाभ
आवेदन का निपटारा करने के लिए लिपिक अथवा नायब तहसीलदार और पश्चात तहसीलदार के पास आवेदन पहुंचता है. फीफो प्रणाली के मुताबिक तिथि और समय के मुताबिक पहले आवेदन करने वाले का ही आवेदन स्वीकार अथवा अस्वीकार किया जाएगा. इसके लिए आवेदन को प्राथमिक क्रम ठहराकर दिया गया है. वैद्यकीय कारण रहा तो उसे पहले प्राथमिकता दी जाएगी. पश्चात शैक्षणिक कारणों के लिए आवेदन का विचार किया जाएगा. पहले आवेदन पर जब तक कार्रवाई नहीं होती, तब तक दूसरे आवेदन को नहीं लिया जाएगा. जल्द काम कर देने का प्रलोभन देकर पैसों की उगाही नहीं हो सकेगी. नागरिक फिजूल के पैसे न दें. क्योंकि काम नियमानुसार ही होने वाला है. दाखिला मिलने के लिए सरकारी कार्यालय में चक्कर काटना कम हो जाएगा. सीधे आवेदक के लॉगिन पर वह प्राप्त हो जाएगा.

दलालों को अब मौका नहीं
पहले आने वाले आवेदन पर निर्णय लिया जाएगा. ऑनलाइन प्रणाली रहने से दलालों को कुछ करने का मौका नहीं मिलेगा. कर्मचारियों का भी हस्तक्षेप रुक जाएगा.
किरण सुरवसे, तहसीलदार, हवेली

 

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