मुख्य समाचारविदर्भ

अब अस्पताल में भर्ती की नहीं होगी गिनती

आरोपियों का बचने का रास्ता बंद

* हिरासत में रहना ही होगा
नागपुर/दि.14- धोखाधडी कर पुलिस व्दारा गिरफ्तार करने पर जांच और हिरासत से बचने के लिए तबीयत बिगडने का बहाना कर अस्पताल में दाखिल होनेवाले आरोपियों का बचाव का मार्ग बंद हो जाएगा. सर्वोच्च न्यायलाय ने ऐसे आरोपियों को जबर्दस्त धक्का दिया है. कोर्ट ने स्पष्ट कहा कि, पुलिस कस्टडी दौरान आरोपी अस्पताल में रहा तो यह समय कस्टडी में नहीं गिना जाएगा. उसकी कस्टडी रिमांड बढा देने का निर्णय कोर्ट ने हाल ही में एक प्रकरण में दिया है. जिससे राजनेताओं अथवा बडे अपराधों में लिप्त तथाकथित वीआईपी का यह जुगाड बंद होगा.
न्यायमूर्ति एम.आर. शाह और न्या. सी.टी. रविकुमार ने हाल ही में पश्चिम बंगाल के कोयला घपले से संबंधित एक मुकदमे के बारे में यह निर्णय दिया है. सीबीआई ने याचिका दायर की थी.
इस घपले में आरोपियों को अदालत ने 7 दिनों की पुलिस कस्टडी में भेजा. किंतु ढाई दिन बाद संबंधित आरोपी ने तबीयत बिगडने के कारण से अस्पताल में भर्ती हो गया. कस्टडी की मुद्दत खत्म होने के बाद अंतरिम जमानत पर आरोपी रिहाह हो गया. जिससे जांच एजेंसी उससे पूछताछ व जांच न कर सकी.
सीबीआई ने संबंधित घोटाले के आरोपी की जांच की मुद्दत बढाने के लिए उच्चतम न्यायालय में अर्जी लगाई. इस याचिका पर फैसला सुनाते हुए कोर्ट ने यह भी कहा कि, किसी भी आरोपी को जांच एजेंसी अथवा न्यायिक प्रक्रिया के साथ ऐसा खेल करते नहीं आएगा.

Related Articles

Back to top button