अब रेल्वे टिकट के लिए लाईन में नहीं रहना होगा खड़े
ऑनलाईन सुविधा-जनजागृति हेतु भुसावल विभाग का अभियान
भुसावल/दि.29- पहले अनारक्षित टिकटें रेल्वे स्टेशन पर बुकिंग काउंटर पर ही बेची जाती थी. बुकिंग काउंटर पर यात्रियों को लगने वाला समय कम करने केलिए बड़े स्टेशन पर पॉईंट ऑफ सेल के रुप में रेलवे की टिकटें एजंट एवं स्वयंचलित टिकट वेंडिंग मशीन द्वारा भी बेची जाती थी. मात्र, इन सभी स्थानों पर यात्रियों को स्वयं जाना पड़ता था. परन्तु रेल्वे ने यात्रियों की परेशानी कम की है. डिजिटायजेशन के जमाने में रेल्वे ने भी अनेक सुविधा डिजिटल या ऑनलाइन स्वरुप में उपलब्ध करवाई है. जिसके चलते यात्रियों को अब रेलवे स्टेशन पर जाने की आवश्यकता नहीं होती. इसलिए ग्राहकों को काफी सुविधा मिल रही है.
प्ले-स्टोर में युटीेएस एप का इस्तेमाल कर यात्रियों को उनके मोबाइल द्वारा सामान्य वर्ग की अनारक्षित टिकटें, प्लेटफॉर्म टिकट बुक करने की ऑनलाइन सुविधा है. जिसके चलते स्टेशन की टिकट खिड़की पर लाईन में खड़े रहने की आवश्यकता नहीं. आरक्षित टिकट बुकिंग के लिए, भुसावल विभाग के करीबन 77 प्रतिशत यात्री उनकी टिकटें आयआरसीटीसी समान ऑनलाईन पद्धति से बुक करते हैं और शेष 23 प्रतिशत यात्री टिकट बुकिंग के लिए स्टेशन विंडों पर जाते हैं. लेकिन अनारक्षित टिकट के लिए सिर्फ 2 से 3 प्रतिशत यात्री ऑनलाइन युटीएस एप द्वारा टिकट बुक करते देखे गए हैं. जिसके चलते युटीएस एप द्वारा आरक्षित न रहने वाली टिकटों का भी ऑनलाइन प्रतिशत बढ़ाने के लिए 27 दिसंबर को भुसावल विभाग ने यात्रियों को इस एप की पहचान हो और यह एप लोकप्रिय हो, इसके लिए बड़ा अभियान चलाया.
भुसावल विभाग की ओर से 24 प्रमुख रेल्वे स्टेशन्स पर वहीं भुसावल-इगतपुरी एक्सप्रेस, भुसावल कटनी एक्सप्रेस, भुसावल-बडनेरा मेमू पैसेंजर ट्रेन इन तीन गाड़ियों में कुल 28 टीमों के 83 कर्मचारियों द्वारा यह अभियान चलाया गया.
यात्रियों की दी जानकारी
अभियान में सहभागी कर्मचारी व अधिकारियों ने 8220 यात्रियों के साथ संपर्क साध उन्हें युटीएस एप की जानकारी दी. इस जानकारी के आधार पर 1972 यात्रियों ने यह एप डाऊनलोड किया. भुसावल स्टेशन पर 208,खंडवा-156 डाउनलोड, मनमाड़-133 डाउनलोड, चालीसगांव-133 डाउनलोड, नाशिक में 121 यात्रियों ने एप डाउनलोड किया. वहीं विद्यार्थियों को समुपदेशन करे के लिए म्युनिसिपल हाइस्कूल एवं कॉलेज, मलकापुर, सरकार आयटीआय नांदुरा, एसपीएम कॉलेज नांदुरा में भेंट दी.