पूर्व विदर्भ में कुपोषण ग्रस्त बालकों की संख्या बढी
अति तीव्र 1569 तथा तीव्र स्वरुप के 9702 बालकों का समावेश
नागपुर / प्रतिनिधि दि.27 – कोरोना काल में कुपोषण ग्रस्त बालकों के लिए सकस आहार व अमृत आहार योजना चलाए जाने का दावा शासन द्बारा किया जा रहा है. किंतु पूर्व विदर्भ में तीव्र व अति तीव्र स्वरुप के कुपोषण ग्रस्त बालकों की संख्या बढ रही है. पूर्व विदर्भ के छह जिलो में छह वर्ष तक की आयु वाले 2016-17 में अति तीव्र 597 तथा तीव्र 2730 कुपोषित बालकों की संख्या थी. 2020-21 में यह संख्या बढ गई जिसमें अति तीव्र 1569 तथा तीव्र स्वरुप के 9702 बालकों की संख्या है. बालकों में बढती कुपोषण की संख्या को देखकर ऐसा लग रहा है कि स्वास्थ्य विभाग कही न कही कम पडा रहा है, ऐसा प्रश्न उपस्थित हो रहा है.
कुपोषण पर नियंत्रण रखे जाने के लिए सकस आहार व अमृत आहार योजना चलाई जा रही है. जिसमें छह महीने से तीन वर्ष के बालकों के लिए कोरोना काल के पूर्व घर पहुंच दिया जा रहा था. छह वर्ष तक के बालकों को सप्ताह में चार दिन केला व अंडा आहार में दिया जा रहा था उसी प्रकार कोरोना काल में आंगनवाडी सेविकाओं के माध्यम से अन्न पकाकर सीधे लाभार्थियों के घर भिजवाया जा रहा था. इतना सब किए जाने के पश्चात भी बालकों में में कुपोषण की मात्रा बढने पर आश्चर्य व्यक्त किया जा रहा है.