विदर्भ

नागपुर में बढ रही कोरोना मृतकों की संख्या

मनपा ने बसों को बनाया शववाहिका

  • अंतिम संस्कार करने वाले पथक भी बढाए

नागपुर/दि.28 – पिछले एक महीने से शहर में कोरोना संक्रमण से मरने वालों की संख्या बढी है. मृतकों की संख्या को लेकर दो एसटी बसों का रुपांतर शववाहिका में कर दिया गया है. साथ ही महापालिका ने अपने पथकों की संख्या भी बढा दी है. एक ओर जहां अपने माता-पिता की कोरोना संक्रमण से मौत होने पर उन्हें अपने माता-पिता का अंतिम संस्कार नहीं करने दिया जाता ऐसी स्थिति में महापालिका के 60 कर्मचारी कोरोना से मरने वाले मरीजों का अंतिम संस्कार भी कर रहे है.
पिछले 1 मार्च को जिले में केवल 16 लोगों की कोरोना के कारण मौत हुई थी अब यह संख्या नौ गुना बढ गई है. हर रोज मृतकों की संख्या में वृद्धि हो रही है. कोरोना से मृतकों की बढती संख्या की वजह से उन शव के अंतिम संंस्कार का आहवान महापालिका के सामने खडा है. महापालिका ने पिछले तीन दिनों में अंतिम संस्कार घाटो पर अंतिम संस्कार करने वाले पथकों की संख्या बढायी गई है. तीन दिन पहले केवल 40 कर्मचारी ही अंतिम संस्कार के कार्य में जुटे हुए थे.
मृतकों की बढती संख्या देखकर कर्मचारियों की संख्या 40 से बढाकर 60 कर दी गई है. प्रत्येक जोन में पांच कर्मचारियों का एक पथक बनाया गया है. कुछ जोन में दो पथक को अंतिम संस्कार की जवाबदारी दी गई है. आशी नगर जोन में दो शिफ्ट में कर्मचारी अंतिम संस्कार का कार्य कर रहे है. महापालिका द्बारा दो बसों को भी शववाहिनी के रुप में परिवर्तित कर दिया गया है.
प्रत्येक पांच लोगों का एक पथक बनाया गया इन पथकों द्बारा पार्थिव शरीर उठाने का कार्य चार कर्मचारी करते है तथा एक कर्मचारी शववाहिका चलाने का कार्य करता है. अंतिम संस्कार के लिए बिजली, डीजल, विद्युत दाहिनी के साथ लकडी और गोबरियों का इस्तेमाल भी किया जा रहा है. मृतक के धर्म के अनुसार अंतिम संस्कार की विधि कवायी जा रही है. ऐसी जानकारी महापालिका के डॅा. गोवर्धन नवखरे ने दी.
साथ ही उन्होंने बताया कि कोरोना मृतकों के शवों को ले जाने के लिए 12 शववाहिका चलायी जा रही है. एक पार्थिव को ले जाने के पश्चात दूसरे पार्थिव को ले जाने में विलंब होने के कारण मृतक के परिजनों को परेशानी हो रही है. जिसमें शववाहिका की संख्या के साथ अंतिम संस्कार करने वाले पथकों की संख्या भी बढा दी है.

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