विदर्भ

गिरफ्तारी टालने के लिए हासिल किया कोरोना संक्रमित का सर्टिफिकेट

पुलिस ने किया पर्दाफाश

नागपुर/प्रतिनिधि दि.८ – अपराधी कितना भी शातिर हो, लेकिन पुलिस के हाथ अपराधी के गिरेबान तक पहुंच ही जाते हैं. ऐसा ही एक वाकया शुक्रवार को सामने आया. जहां क्रिकेट बेटिंग के आरोप में पकड़े गये कुख्यात बदमाश सिराज शेख ने पुलिस कस्टडी टालने के लिए अपने साथियों की मदद से कोरोना संक्रमित होने का फर्जी प्रमाण पत्र पुलिस के सामने पेश किया. पुलिस आयुक्त अमितेशकुमार और उपायुक्त सारंग आव्हाड ने उक्त सर्टिफिकेट नकली होने का पता लगाकर सिराज और उसके साथियों को गिरफ्तार कर लिया.
मिली जानकारी के अनुसार गणेशपेठ पुलिस थाना क्षेत्र में अपराध शाखा की टीम ने दो सप्ताह पहले छापामार कार्रवाई करते हुए क्रिकेट बेटिंग करने वाले चार आरोपियों को हिरासत में लिया था. जबकि पांचवां आरोपी सिराज फरार था. सिराज की आपराधिक गतिविधियों को देखते हुए पुलिस आयुक्त अमितेश कुमार ने उसे गिरफ्तार करने के निर्देश दिये.जिसके बाद परिमंडल तीन के प्रभारी पुलिस उपायुक्त सारंग आव्हाड ने अपने दल बल के साथ गुरुवार की रात सिराज को हिरासत में लिया. पुलिस आयुक्त को पता चला कि सिराज को हिरासत में लिया गया है तो वे तुरंत गणेशपेठ थाने पहुंचे. यहां पर सिराज से पूछताछ की गई. इस दरमियान सिराज ने अपने अन्य साथियों के माध्यम से कोरोना संक्रमित होने का फर्जी प्रमाण पत्र प्राप्त किया और उसने पुलिस को दिखाकर थाने से जमानत पाने की जोड़तोड़ आरंभ की. लेकिन पुलिस ने जमानत देने की बजाय सिराज को पाचपावली के क्वारंटाइन सेंटर में रखा. पुलिस आयुक्त को संदेह था कि सिराज ने जो सर्टिफिकेट दिया है वह फर्जी है, जिसके बाद उन्होंने उपायुक्त को जांच पड़ताल करने की सूचनाएं दी. पश्चात उपायुक्त आव्हाड ने शुक्रवार को सिराज की कोविड टेस्ट करवाई, जिसमें वह निगेटीव पाया गया. जिससे सिराज ने फर्जी प्रमाण पत्र लाया था, उस फर्जी प्रमाण पत्र देने वाले गजानन कोहाडकर के अलावा जावेद को पुलिस ने शुक्रवार की रात हिरासत में लिया.
बता दें कि कोहडकर धंतोली की एक लैब में काम करता है. उसने पैसों की लालच में आकर दूसरे एक पेशंट के नमूने की जांचने के बाद उस पर सिराज का नाम दे दिया. जिसके बाद वह पॉजीटीव होने का प्रमाण पत्र लॅब ने दिया था.

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