काम का बोझ रहने पर पुराने मुकदमे रोक नहीं सकते
हाईकोर्ट का निरीक्षण, आरोपी को स्वतंत्रता का अधिकार

नागपुर /दि.4- भारतीय संविधान मेंनागरिकों को स्वतंत्रता का अधिकार बहाल किया है.फौजदारी प्रकरण के आरोपियों को भी यह अधिकार है. इस कारण आरोपी के खिलाफ के मुकदमे तेजी से निपटाना आवश्यक है. न्यायालय पर काम का काफी ज्यादा तनाव है. इसलिए पुराने मुकदमों की कार्रवाई नहीं रोकी जा सकती. न्यायालय ने इस समस्या का मार्ग निकालने का प्रयास करना चाहिए, ऐसा महत्वपूर्ण निरीक्षण मुंबई उच्च न्यायालय की नागपुर खंडपीठ की न्यायमूर्ति उर्मिला जोशी-फालके ने एकजमानत प्रकरण के फैसले में दर्ज किया. इस प्रकरण के आरोपियों को 7 जून 2019 को गिरफ्तार किया गया था. तब से वह कारागृह में थे. उनके खिलाफ मुकदमे में कोई प्रगती नहीं हुई है. इस कारण आरोपियों ने उच्च न्यायालय में याचिका दायर कर जमानत मांगी थी. इस याचिका पर सुनवाई के समय आरोपी के वकील एड. समीर सोनवने ने आरेापी के मूलभूत अधिकार की तरफ न्यायालय का ध्यान केंद्रीत कर मुकदमा निपटाने के लिए हो रही देरी के कारण उन्हें जमानत देने की मांग की. इन आरोपियों के खिलाफ का मुकदमा सत्र न्यायालय में प्रलंबित है. अधिकार भेदभाव नहीं करता- आरोपी के खिलाफ हत्या का गंभीर मामला दर्ज रहने से उसे जमानत न देने की मांग सरकारी पक्ष की तरफ से की गई थी. उच्च न्यायालय ने सरकार की भूमिका नामंजूर की. संविधान में दिये मूलभूत अधिकार आरोपी ने घटना के आधार पर भेदभाव नहीं करते. सरकार आरोपी के अधिकार का संरक्षण न कर पाती हो, तो उसे आरोपी की जमानत का विरोध भी करते नहीं आ सकता. आरोपी को अनिश्चितकाल के लिए कारागृह में नहीं रखा जा सकता, ऐसा न्यायालय ने कहा.
निरीक्षण दर्ज कर सत्र न्यायाधीश ने दी हिदायत
उच्च न्यायालय में संबंधित सत्र न्यायाधीश को मुकदमे बाबत रिपोर्ट मांगी, तब उन्होंने काम के तनाव के कारण इस मुकदमे की कार्रवाई अब तक शुरु न किये जाने की जानकारी दी. उच्च न्यायालय ने यह बात ध्यान में लेते हुए संबंधित निरीक्षण दर्ज कर सत्र न्यायाधीश को उनका स्पष्टिकरण स्वीकारा नहीं जा सकता, ऐसी हिदायत दी. साथ ही आरोपी की विविध शर्त पर जमानत मंजूर की. आरोपी का नाम निखिल विलास खरात है. उसने अपने साथी के साथ मिलकर सुमित उर्फ शेरा सतीश चव्हाण की चाकू घोंपकर हत्या की, ऐसी शिकायत है. आरोपी के खिलाफ नागपुर के राणा प्रताप नगर पुलिस ने मामला दर्ज किया है.