विदर्भ

फिर एक बार विद्युत शुल्कमाफी का निर्णय लागू

विदर्भ, मराठवाडा के उद्योजकों को मिली राहत

नागपुर/ दि. 17– औद्योगिक दृष्टि से पिछडनेवाले विदर्भ और मराठवाडा के उद्योगों को दी जानेवाली विद्युत शुल्क (इलेक्ट्रिक ड्यूटी) माफी कुछ दिन पहले बंद करने की बात उजागर हुई थी. उसका उद्योजको ने विरोध किया था. इस संबंध में मीडिया ने समाचार प्रकाशित किया था. उसके बाद अब विद्युत शुल्कमाफी पूर्ववत हो गई है.
विगत अनेक वर्षो से विदर्भ और मराठवाडा के उद्योजको को विद्युत शुल्कमाफी दी जाती है. निर्धारित समय के बाद इसको समयावृध्दि दी जाती है. 2019 में तत्कालीन राज्य सरकार ने 2024 तक शुल्कमाफी को समयावृध्दि दी. उसनुसार बिल की रकम में 7.8 प्रतिशत शुल्क माफ किया जाता है. इस दौरान कुछ माह पूर्व बिजली विभाग ने मोबाइल टॉवर, फ्लोअर मिल (ऑटा चक्की) उद्योग ऐसा उल्लेख कर शुल्क माफी में शामिल किया. किंतु मोबाइल टॉवर तथा आटा चक्की यह उद्योग व्यावसायिक वर्गवारी में आने का निदर्शन में लाया. परिणामस्वरूप कुछ उद्योगों को शुल्कमाफी की योजना से बाहर निकालने का निर्णय लिया गया.
जिसमें सभी मॅन्युफॅक्चरिंग, प्रॉडक्शन करनेवाले सभी उद्योगों का समावेश किया. एक ओर सरकार ने नीति निर्धारित कर विदर्भ मराठवाडा के उद्योगों को विद्युत शुल्क माफी दिए जाने पर दूसरी ओर उर्जा विभाग ने उद्योजको को आर्थिक धक्का दिया है. इन सभी प्रकार में उद्योग विश्वास में आश्चर्य व्यक्त किया गया. उसी प्रकार जल्द से जल्द विद्युत शुल्कमाफी पूर्ववत करने की मांग की गई.
विदर्भ के उद्योगों को राहत दी जाए, ऐसे समाचार मीडिया ने प्रकाशित किया था. परंतु विद्युत शुल्कमाफी पूर्ववत होने से उद्योगों की जान मुठ्ठी में है. इस संदर्भ में अनेक बात बताते हुए बुटीबोरी मॅन्युफॅक्चरर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष नितीन लोणकर ने कहा कि उर्जा विभाग के डेटा में गलत जानकारी प्रकाशित हो गई थी. उसका फटका उद्योगो को बैठा था. परंतु फिर एक बार विद्युत शुल्कमाफी का निर्णय लागू हुआ है.

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