विदर्भ

राज्य के १२ जिले में लगाएंगे एकही किस्म का कपास

स्मार्ट कॉटन प्रकल्प से अब किसान होंगे समृद्ध

पुलगांव (वर्धा)- / दि. १५ राज्य में उच्च प्रति के कपास उपज करने में विदर्भ पहले स्थान पर है. कुल उत्पादित होने वाले कपास में से ७८ प्रतिशत हिस्सा विदर्भ का है. कपास उत्पादक पट्टे में किसानों ने सामूहिक रूप से एकही कपास के किस्म की लागत करने पर कपास का निर्यात बढने मदद होगी तथा आर्थिक लाभ भी होगा. इसके लिए राज्य के १२ जिले में स्मार्ट कॉटन प्रकल्प चलाया जा रहा है. इस प्रकल्प से किसान समृद्ध बनेंगे. स्व.बालासाहब ठाकरे कृषि व्यवसाय व ग्रामीण परिवर्तन प्रकल्प अंतर्गत राज्य के १२ जिले के ३५ तहसील में ‘स्मार्ट कॉटन प्रकल्प’ शुरु हुआ है. एक गांव एक किस्म यह स्लोगन स्मार्ट कॉटन के लिए घोषित हुआ है. वर्धा जिले के देवली, कारंजा, आष्टी इन तीन तहसील के ४५ गांव में यह प्रकल्प चलाया जा रहा है. देवली तहसील के लिए संत गजानन माउली जिनिंग प्रेसिंग पुलगांव, कारंजा तहसील के लिए विदर्भ कोट फायर तथा आष्टी तहसील के लिए एम.आर.जिनिंग तलगांव का इस प्रकल्प के लिए चयन किया है. स्मार्ट कॉटन में सहभागी गांवों में किसानों ने अपनी सहभागिता दर्ज कर एककिस्म कपास की लागत की है. इसमें किसान बचत समूह का समावेश है.
इन १२ जिले का समावेश
जिला तहसील
नागपुर —- सावनेर, हिंगणा, नरखेड, काटोल
वर्धा——देवली, कारंजा, आष्टी
यवतमाल—यवतमाल, कलंब, पुसद, आर्णी
अमरावती—-अमरावती, वरूड़, अचलपुर, दर्यापुर
अकोला—–अकोला, आकोट, बोरगांव मंजू
वाशिम—– कारंजा लाड
बुलडाणा—- देऊलगांव राजा, जलगांव, जामोद
चंद्रपुर—— वरोरा, भद्रावती, गोंडपिंपरी, चिमुर
परभणी——गंगाखेड, पाथरी
बीड——–बीड, गेवराई
औरंगाबाद—–फुलउमरी, सिल्लोड, पैठण, गंगापुर
जलगांव——धरणगांव, पालोरा
कुल जिले : १२
कुल तहसील – ३५
कुल किसान – ३८७५
कुल समूह – ४७८

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