* बगैर परमिट के धडल्ले से ओवरसीट भरी जा रही है बस
* संबंधित अधिकारी जानबुझकर बंद कर रहे आँखे
धारणी/ दि.25– धारणी जैसे दुर्गम क्षेत्र में निजी बस वालों व्दारा मनमानी की जा रही है. यहां की गरीब जनता को आर्थिक रुप से लूटा जा रहा है. गरीबों की विवशता का पूरा लाभ उठा रहे है. इस क्षेत्र में चलने वाली अधिकांश निजी बस अनधिकृत तरीके से बगैर परमिट की चलाई जा रही है, यह सबकुछ पता रहने के बाद भी संबंधित अधिकारी जानबुझकर आँखे बंद कर रहे है, ऐसे बस चालकों के खिलाफ कार्रवाई किये जाने की मांग धारणीवासियों व्दारा की जा रही हैं.
हाल ही में एक वाक्या उजागर हुआ. बुर्हाणपुर से धारणी, परतवाडा होते हुए नागपुर की ओर जाने वाली बस क्रमांक एमपी 48/पी-0347 में धारणी से बहुत ही गरीब तीन व्यक्ति सवार हुए. उनका कोई रिश्तेदार नागपुर में भर्ती था. उसे देखने के लिए नागपुर जाना था, उन्होंने पर व्यक्ति 400 रुपए ऐसे 1200 रुपए की टिकट कटाई. परंतु परतवाडा पहुंचे समय उन्हें फोन आया कि, उनका नागपुर में भर्ती रिश्तेदार अब दुनिया में नहीं रहा. उस रिश्तेदार की लाश परतवाडा लायी जा रही है, तब उन तीनों ने परतवाडा ही उतरने का निर्णय लिया. बस कंडक्टर से कहा कि वे अब आगे का सफर नहीं करेंगे. उनकी बकाया टिकट के रुपए वापस लौटाए जाए, परंतु उन्हें दो टूक शब्दों में कहा गया कि, टिकट नागपुर तक कटी है, अब रुपए नहीं मिलेंगे. उन गरीबो के लिए उतने रुपए काफी मायने रखते थे. मगर बस वालों की मनमानी के चलते उन्हें उदास मन बस से उतरना पडा. यह तो केवल एक उदाहरण था. यहां चलने वाली निजी बस में आदिवासी बहुल क्षेत्र के गरीब लोगों के साथ अभद्र व्यवहार किया जाता है. मनमाने पैसे लूटे जाते है. बस का परमिट न होने के बाद भी खुलेआम बस चलाई जा रही हेै. इतना ही नहीं तो बस में सवारियों को ठूस-ठूसकर भरा जाता हैं. यात्री गेट के बाहरतक लटके हुए सफर करते है, जिससे यात्रियों की जान के लिए हमेशा खतरा बना रहता है. ऐसी स्थिति में संबंधित विभाग के अधिकारी सबकुछ जानने के बाद भी किसी तरह का ठोस कदम नहीं उठा रहे है. अगर वक्त रहते ऐसे बस चालकों के खिलाफ कार्रवाई नहीं की गई तो आम जनता के माध्यम से तीव्र आंदोलन छेडे जाने की चेतावनी भी दी जा रही है.