नागपुर/ दि. 20– नक्सल समर्थक प्रा. जी.एन. साईबाबा समेत 4 लोगों को बाइज्जत बरी करने का नागपुर उच्च न्यायालय का विवादित आदेश सर्वोच्च न्यायालय ने कल बुधवार के दिन खारिज कर दिया. यह मामला कानून व गुणवत्ता विचार में लेकर नया फैसला सुनाने के लिए उच्च न्यायालय को वापस भेजा गया है. जिसके कारण बाइज्जत बरी हुए साईबाबा की परेशानियां बढ गई है.
उच्च न्यायालय ने न्यायालय के न्यायमूर्ति रोहित देव व अनिल पानसरे ने 14 अक्तूबर 2022 के दिन इस मामले में आदेश दिए थे. अब पक्षकार का हित देखते हुए इस बार इस मामले पर दूसरे न्यायपीठ में कार्रवाई पूरी की जाए और नई न्यायपीठ इस मुकदमे पर 4 माह में निर्णय सुनाए, ऐसा सर्वोच्च न्यायालय ने कहा. इसके अलावा पक्षकार उच्च न्यायालय के समक्ष जरूरी सभी मुद्दे रखने के लिए स्वतंत्र रहेंगे, ऐसा भी उल्लेख किया है. गैर कानूनी कार्रवाई कानून अंतर्गत मुकदमा दायर करने से पहले केंद्र या राज्य सरकार के सक्षम अधिकारी की मंजूरी पाने के लिए बंधनकारक नियम के कानून अनुसार पालन नहीं किया गया. इस तकनीकी कारण उच्च न्यायालय ने बाइज्जत छोडने का आदेश दिया था. इसके खिलाफ राज्य सरकार ने अपील दायर की थी.
* छह आरोपी
इस मामले के अन्य आरोपी में महेश करीमन तिरकी, फेम केशवदत्ता मिश्रा, प्रशांत राही, नारायण सांगलीकर व विजय नामक तिर्की का समावेश है. छठवा आरोपी पांडू पोरा नरोटे (मुरेवाडा, तह. एटापल्ली) का 25 अगस्त 2022 को बीमारी के चलते निधन हो गया.