प्रतिनिधि/दि.१५
नागपुर – अमरावती के अनुसूचित जनजाती जाती प्रमाणपत्र पडताल समिती को मुंबई उच्च न्यायालय के नागपुर खंडपीठ ने ५० हजार रुपए जमा करने के आदेश दिए गए है. इसके लिए समिती को १७ अगस्त तक का समावधि दिया गया है. यहां बता दें कि सरकारी कर्मचारी निरंजन सूर्यवंशी का अनुसूचित जनजाती जाती प्रमाणपत्र का दावा बीते अनेक महिनों से समिती के पास प्रलंबित है. इस पर निर्धारित समावधि में निर्णय नहीं लिया गया. जिसके चलते सूर्यवंशी की नौकरी खतरे में आ गई थी. परिणास्वरुप उन्होंने उच्च न्यायालय में याचिका दाखिल की. इस दौरान उच्च न्यायालय ने सूर्यवंशी को नौकरी में अंतरिम संरक्षण प्रदान किया. इसके अलावा विगत २४ जनवरी को सूर्यवंशी के दावे पर निर्णय लेने के लिए समिती को समय निर्धारित कराकर दिए. लेकिन समिती ने इस पर भी निर्धारित समय में दावे पर निर्णय नहीं लिया इसलिए उच्च न्यायालय ने समिती को कडे शब्दों में फटकार लगायी और न्यायालय में ५० हजार रुपए जमा करने का आदेश देकर सूर्यवंशी के दावे पर निर्णय लेने के लिए एक सप्ताह का समय दिया. निरर्धारित अवधि में न्यायालय में ५० हजार रुपए जमा करने में विफलता आने पर समिती के जिम्मेदारअधिकारियों को स्वयं की जेब से १५-१५ हजार रुपए दावा खर्च का भुगतान करने करने के निर्देश दिए है. इस मामले में न्यायाधीश रवि देशपांडे व नितिन सूर्यवंशी के समक्ष सुनवायी हुई. याचिकाकर्ता की ओर से एड. प्रीति राणे ने काम संभाला.