विदर्भ

राज्यपाल को आदेश दे, अन्यथा राष्ट्रपति शासन लगाए

विदर्भवादियों की जनहित याचिका व्दारा मांग

  • विकास मंडल पर सरकार को नोटीस

नागपुर/दि.2 – विदर्भ समेत अन्य विकास मंडलों को मुदत वृध्दि देने के राज्यपाल को तत्काल आदेश देने अथवा राष्ट्रपति शासन लागू करने की मांग विदर्भवादियों ने जनहित याचिका व्दारा मुंबई हाईकोर्ट की नागपुर खंडपीठ में की. इसपर न्यायालय ने केेंद्र व राज्य सरकार को नोटीस जारी किया है.
विदर्भ समेत राज्य के तीन विकास मंडलों को पूरे सालभर से मुदत वृध्दि न देने बाबत महाविदर्भ जनजागरण के संयोजक नितीन रोंघे व विदर्भ विकास मंडल के पूर्व तज्ञ सदस्य डॉ.कपील चंद्रायन ने दाखिल की याचिका पर न्यायमूर्ति एस.बी. शुक्रे व न्यायमूर्ति ए.जी.घराटे की खंडपीठ ने सरकार को नोटीस जारी किया है.
राज्य घटना की कलम 371 (2) के अनुसार राज्यपाल को विशेषाधिकार है. राज्यपाल को अधिकार रहते हुए भी वे निर्णय नहीं लेते, इस कारण घटनात्मक समस्या निर्माण हुई है. राज्यमंत्री मंडल ने निर्णय न लेने से विकास मंडल की मुदत वृध्दि का मुद्दा प्रलंबित रहा है. राज्यपाल ने 12 नाम नियुक्त सदस्यों को मान्यता देने के बाद विकास मंडलों को मुदत वृध्दि देेंगे, इस तरह की भूमिका उपमुख्यमंत्री अजित पवार ने व्यक्त की थी. इस ओर याचिकाकर्ताओं के वकील व राज्य के पूर्व महाधिवक्ता श्रीहरी अणे ने ध्यान खिचा. केंद्र सरकार की ओर से सहायक महाधिवक्ता उल्लास औरंगाबादकर ने तथा राज्य की ओर से सरकारी वकील केतकी जोशी ने पक्ष रखा. दोनों ओर की दलीलों के बाद न्यायालय ने केंद्र व राज्य सरकार और राज्य के महाधिवक्ताओं को दो सप्ताह में जवाब पेश करने के निर्देश दिये है.

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