विदर्भ

… अन्यथा अमरावती में आयोजित ‘शासन आपके व्दार’ होने नहीं देंगे

अपर वर्धा बांधग्रस्त किसानों की तरफ से कृति समिति ने दी चेतावनी

* वर्षो से मुआवजा बढाकर देने की मांग नहीं हुई पूरी
* तहसील कार्यालय के सामने 178 दिन पूर्ण हुए अनशन को
मोर्शी/दि.13– मुआवजा बढाकर देने की मांग को लेकर अपर वर्धा बांधग्रस्त किसानों का पिछले 178 दिनों से स्थानीय तहसील कार्यालय के सामने अनशन जारी है. आंदोलन स्थल पर छह माह में विधायक देवेंद्र भुयार ने दो दफा, सांसद अनिल बोंडे ने एक दफा भेंट दी है. जबकि क्षेत्र के सांसद रामदास तडस ने अब तक भेंट नहीं दी है. आंदोलन के दौरान मुंबई मंत्रालय में भी अपर वर्धा कृति समिति के सदस्यों ने किसानों के साथ आंदोलन किया. इसके बावजूद कोई हल न निकलने से अब आक्रमक हुए किसानों ने अमरावती में आगामी 26 नवंबर को आयोजित ‘शासन आपके व्दार’ कार्यक्रम न होने देने की चेतावनी दी है.

कृति समिति के अमोल महल्ले ने कहा है कि अपर वर्धा बांध को 40 से 42 वर्ष पूर्ण हुए है. लेकिन वर्षो से मुआवजा बढाकर देने की मांग शासन ने पूर्ण नहीं की है. क्षेत्र के विधायक देवेंद्र भुयार आंदोलन स्थल पर छह माह में दो दफा आए हैं. उनका कहना है कि उन्हें इस बाबत कोई जानकारी नहीं है. क्षेत्र के सांसद रामदास तडस ने भी अब तक आंदोलन स्थल पर भेंट नहीं दी है. शासन का प्रतिसाद न मिलने से अपर वर्धा बांधग्रस्त किसानों ने अब कडा निर्णय लेकर अमरावती में आयोजित ‘शासन आपके व्दार’ को न होने देने की चेतावनी दी है. इस कार्यक्रम के लिए मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे शहर में आने वाले है. 20 नवंबर तक अपर वर्धा कृति समिति की बैठक न होने पर वरुड, मोर्शी, वर्धा व नागपुर के 10 से 12 हजार किसान अमरावती पहुंचकर सरकारी कार्यक्रम को होने नहीं देंगे.

बता दें कि इन किसानों ने मुंबई मंत्रालय पहुंचकर आंदोलन किया था. तब मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने बैठक लेकर न्याय दिलवाने का आश्वासन दिया था. 12 अक्तूबर को पुनर्वसन मंत्री अनिल पाटिल ने भी बैठक ली थी. उस समय अमरावती, वर्धा और नागपुर के जिलाधिकारी से संपूर्ण जानकारी मांगी गई थी. वह विस्तृत ब्यौरा भी मंत्रालय पहुंच गया है. लेकिन मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के साथ कृति समिति की बैठक नहीं हो पाई है. मुख्यमंत्री के साथ बैठक न होने पर सरकारी कार्यक्रम न होने देने की चेतावनी अमोल महल्ले, उमेश शहाणे, ज्योतिराज बाणेकर, प्रवीण ढोले, चरण बारस्कर, गजानन पुरी, केशवराव गुल्हाने, रवींद्र वांदे, कृष्णा वाघमारे, प्रशांत राउत, दिलीप पंडागडे, कृष्णराव ठाकरे, अमोल टाकले, छोटू विधले, विनायकराव कुरवाडे, दीपक पाटिल, सतीश धोंडे, दीपक भोकरे, राहुल शहाणे, उमेश इंगोले, पंकज पाटिल आदि ने की है.

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