विदर्भ

1,828 करोड में से केवल 36.89 प्रतिशत खर्च किए

जल जीवन मिशन निधि खर्च करने में राज्य पिछडा

  • बढते कोरोना संक्रमण का असर

नागपुर/दि.28 – केंद्र सरकार द्बारा दी गई जल जीवन मिशन की निधि खर्च करने में राज्य की स्थिती इतनी अच्छी नहीं है जितनी होनी चाहिए थी. जल जीवन मिशन की राशि खर्च करने में राज्य 14 वें नंबर पर है. जल मिशन की जांच पडताल के लिए डैशबोर्ड की रिपोर्ट देखने पर पता चलता है कि कोविड और लॉकडाउन के कारण प्रदेश के किसी भी जिले में सही तरीके से काम नहीं हो पाया है. वहीं इस वित्तीय वर्ष में प्रदेश के लिए 1828.92 करोड की राशि जारी की गई थी. जिसमें से तकरीबन 37 फीसदी ही राशि खर्च की जा चुकी है.
जबकि सबसे अच्छी स्थिती देश में हिमाचल प्रदेश की है और सबसे खराब स्थिती तमिलनाडू की है जहां पर कुछ भी खर्च नहीं हो पाया है और ना ही काम किया गया है. अधिकारियों के अनुसार लॉकडाउन के कारण नए कनेक्शन देने के साथ लैब बनाने, स्त्रोतों की जांच करने के काम निर्धारित लक्ष्य से पीछे चल रहे है. इसके बावजूद जारी की गई राशि में 37 फीसदी राशि खर्च की गई है काफी काम शुरु हो चुके है किंतु कोरोना के बढते संक्रमण के चलते सारे प्लानिंग पर पानी फेर दिया अब कोरोना खत्म होने के पश्चात ही कार्य पूर्ण किए जाएगें.

कोरोना की दूसरी लहर में काम बंद

केंद्र सरकार की जल जीवन मिशन योजना के तहत लोगों को मूलभूत सुविधाओं की पूर्ति के लिए पेयजल उपलब्ध करवाने हेतु कनेक्शन दिया जाता है. साथ ही पेय जल के स्त्रोंतो में सुधार भी किया जाना है इसके लिए केंद्र व राज्य सरकार दोनो मिलकर निधि का खर्च करते है. किंतु कोरोना की दूसरी लहर के कारण काम बंद कर दिए गए है. अब कोरोना काल के पश्चात ही पेयजल सुविधाओं का विस्तार किया जाएगा.

2023-24 तक शत प्रतिशत कनेक्शन देने का लक्ष्य

राज्य में पेयजल एवं स्वच्छता विभाग द्बारा योजना बनायी गई थी कि राज्य में 2023-24 तक सभी घरों में शतप्रतिशत नल कनेक्शन दिए जाएगें. इस योजना के तहत राज्य में 1.42 करोड, ग्रामीण क्षेत्र के घरों में से 53.11 लाख परिवारों को पहले ही नल कनेक्शन प्रदान किए जा चुके है. राज्य सरकार ने साल 2021 में 31.30 लाख घरों में नल कनेक्शन देने की योजना तैयार की है. 2023-24 तक शत प्रतिशत घरों में कनेक्शन देने का लक्ष्य राज्य सरकार द्बारा रखा गया है.

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