कम करने होंगे ऑक्सीजन बेड वर्ना ढह जाएगी वितरण प्रणाली
मेडिकल के अधिष्ठाता ने हाईकोर्ट को बताया
-
अस्पताल में मरीजों की संख्या बढ़ने पर निजी कंपनी ने किया सावधान
-
हाईकोर्ट ने 120 बेड खाली रखने की विनती मान्य की
-
आपातकालीन स्थिति में करना होगा उपयोग
नागपुर/प्रतिनिधि दि.२९ – कोरोना महामारी से बढ़ते मरीजों की संख्या के कारण जिले में उपचार व्यवस्था कम पड़ रही है. मरीजों को बेड नहीं मिल रहे हैं. ऐसे में मेडिकल में चिंताजनक वातावरण बना है. कुल बेड क्षमता में से 20 प्रतिशत ऑक्सीजन बेड कम करने की बात सामने आयी है. इस संबंध में मेडिकल के प्रभारी अधिष्ठाता सुधीर गुप्ता ने हाईकोर्ट को बताया कि पीडब्ल्युडी व्दारा मेडिकल में ऑक्सीजन प्लांट तैयार करने में सहायता के लिए निजी एजंसी को बतौर कंसल्टेंट नियुक्त किया गया है. इस निजी कंपनी ने मेडिकल प्रबंधन को सावधान किया है कि मेडिकल में मरीजों की संख्या काफी बढ़ गई है. जिनकी तुलना में ऑक्सीजन की आपूर्ति अनियमित हो रही है. ऐसे में किसी दिन ऑक्सीजन खत्म होने की भी आशंका है, जिससे सारी वितरण प्रणाली ढह जाएगी और मरीजों के प्राण संकट में पड़ जायेंगे.
मेडिकल कोर्ट ने बताया कि बहुत जरुरी हो गया है कि मेडिकल में कुल 600 में से 20 प्रतिशत ऑक्सीजन बेड कम किए जाए. इस खतरे की स्थिति को देखते हुए हाईकोर्ट ने अधिष्ठाता की विनती मान्य कर मेडिकल में 120 ऑक्सीजन बेड खाली करने की अनुमति दी है. ये खाली बेड भविष्य में होने वाली किसी भी आपातकालीन स्थिति में ही उपयोग में लाये जाएंगे. इसके साथ ही हाइकोर्ट ने जिलाधिकारी को मेडिकल के साथ मेयो और एम्स में ऑक्सीजन प्लॉट स्थापित करने के लिये तुरंत कदम उठाने के आदेश दिये हैं. इस मामले में जिलाधिकारी को कोर्ट में जवाब देना है.
-
नहीं बनाया गया कोविड सेंटर
आईएमए ने हाईकोर्ट में जानकारी दी कि एयरफोर्स कमांड मेंटेनेंस के एक अस्पताल को अब तक कोविड सेंटर नहीं बनाया गया है. ऐसे में यहां तैनात चिकित्सकों और मेडिकल स्टाफ को एम्स या अन्य अस्पतालों में नियुक्त किया जा सकता है. हाईकोर्ट ने इस पर मनपा आयुक्त और जिलाधिकारी को आदेश दिये है कि वे इस संबंध में एयरफोर्स कमांडिंग ऑफीसर से चर्चा कर के कोर्ट में उत्तर प्रस्तुत करें. मामले में न्यायालयीन मित्र श्रीरंग भंडारकर, मनपा की ओर से एड. सुधीर पुराणिक, आईएमए की ओर से एड. भानुदास कुलकर्णी कामकाज देख रहे हैं.