विदर्भ

वर्चस्व की लडाई में पटेल ने किया पटोले को मात

भंडारा-गोंदिया की 7 में से 6 विधानसभा सीटों पर वर्चस्व

गोंदिया/दि.30– भंडारा-गोंदिया लोकसभा क्षेत्र और उसके अंतर्गत आनेवाले सातों विधानसभा निर्वाचन क्षेत्र पर अपना ही वर्चस्व रहने के लिए राष्ट्रवादी कांग्रेस (अजीत पवार) पार्टी के कार्यकारी अध्यक्ष प्रफुल पटेल और कांग्रेस के प्रदेशाध्यक्ष नाना पटोले के बीच पिछले अनेक साल से राजनीतिक संघर्ष शुरु है. इस बार विधानसभा चुनाव में प्रफुल पटेल ने नाना पटोले को पटकनी दी है. विधानसभा की 7 में से 6 सीट जीतकर पटेल ने वर्चस्व कायम रखा है. इसमें उन्हें भाजपा का महत्वपूर्ण सहयोग मिला है.
करीबन 16 वर्ष पूर्व शुरु हुई इस वर्चस्व की लडाई में 2009 के गोंदिया-भंडारा लोकसभा चुनाव में राष्ट्रवादी कांग्रेस की तरफ से उम्मीदवार रहे प्रफुल पटेल ने निर्दलीय चुनाव लडनेवाले नाना पटोले को पराजित किया था. इस हार से पटोले काफी बौखला गए थे. पश्चात 2014 के चुनाव में पटोले ने भाजपा में प्रवेश कर लोकसभा का चुनाव लडा और मोदी लहर में उन्होंने पटेल को पराजित किया. लेकिन नाना पटोले ज्यादा दिन भाजपा में नहीं रहे. उन्होंने लोकसभा सदस्यता का इस्तीफा देते हुए कांग्रेस में प्रवेश किया. पश्चात वे लोकसभा के उपचुनाव में पटोले ने पटेल से हाथ मिलाकर राष्ट्रवादी कांग्रेस के मधुकर कुकडे को निर्वाचित किया था. उसके कुछ दिनों बाद पटेले और पटेल के बीच राजनीतिक रंजिश बढने लगी. 2019 के गोंदिया-भंडारा लोकसभा चुनाव में पटोले द्वारा राष्ट्रवादी कांग्रेस प्रत्याशी को मदद न की रहने से नाना पंचबुद्धे की हार हुई, ऐसा आरोप प्रफुल पटेल ने किया था. यहां से इन दोनों नेताओं का संघर्ष और बढ गया. पश्चात दोनों के बीच खींचतान की राजनीति शुरु हो गई.

* अंतिम समय पर जीत से राहत
नाना पटोले ने 2024 के लोकसभा चुनाव में बाजी मारी. यहां महाविकास आघाडी के उम्मीदवार निर्वाचित हुए. साथ ही राज्य में कांग्रेस को मिली सफलता के कारण पटोले का राजनीतिक वर्चस्व बढ गया. लेकिन पटोले को यह वर्चस्व कायम रखने में फिर से सफलता नहीं मिली. विधानसभा चुनाव में गोंदिया-भंडारा जिले के 7 में से 6 निर्वाचन क्षेत्र में महायुति के उम्मीदवार निर्वाचित हुए. इस माध्यम से प्रफुल पटेल ने नाना पटोले को पटकनी दी. साकोली निर्वाचन क्षेत्र में पटोले पर पराजय का संकट आ गया था. लेकिन अंतिम समय में उन्हें जीत मिली. तब कहीं उन्हें राहत मिली.

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