विदर्भ

मूंगफली बेचनेवाला बना करोडपति

पांच साल पहले था 11 माह तक जेल मेें

  • जेल से छूटने के बाद बदला था सरनेम

  • शहर के कई बैंकों के साथ की धोखाधडी

नागपुर/दि.4 – मनीष नगर स्थित कनार्टक बैंक शाखा और धंतोली क्षेत्र की सारस्वत बैंक को 70.30 लाख रूपए का चूना लगानेवाला मुख्य आरोपी राकेश गुप्ता करीब पंद्रह साल पहले गीतांजली चौक में मूंगफली का ठेला लगाता था, अब करोडपति बन गया है. उसका असली नाम राकेश शाहू है. पांच वर्ष पहले राकेश शाहू हुडकेश्वर क्षेत्र में एक प्लॉट बिक्री की धोखाधडी के मामले में जेल गया था. करीब 11 माह जेल में बंद रहा. जेल से छूटने के बाद उसने नाम राकेश शाहू से राकेश गुप्ता कर लिया. नाम परिवर्तन करने का मुख्य मकसद बैंकों से लिए गए कर्ज से मुक्ति पाना था.

अपने मकान को बना दिया था कोल्ड स्टोरेज

12 वीं कक्षा तक पढा राकेश गुप्ता बेहद शातीर दिमाग है. उसने हुडकेश्वर में तपस्या विद्यालय के पीछे अपने मकान पर कर्ज लेने के लिए उसे कोल्ड स्टोरेज बना डाला था. राकेश गुप्ता का पुराना रिकॉर्ड खंगाला जा रहा है. वह शहर की कर्नाटक और सारस्वत बैंक सहित अन्य बैंकों को भी चुना लगा चुका है. इस काम में आरोपी राकेश का राजदार उसका करीबी इमरान अली है. इमरान से कडी पूछताछ में कई राज बाहर आ सकते है. सूत्रों ने बताया कि, इमरान के पास हूबहू फर्जी दस्तावेज तैयार करनेवाले लोग हैं.

एक ही प्लॉट की बना लेता था 10 से 12 फर्जी रजिस्ट्री

राकेश गुप्ता ने झिंगाबाई टाकली में साई सुपर मार्केट शुरू करने कनार्टक और सारस्वत बैंक से करीब 70 लाख रूपये कर्ज प्रमिला नागदेवे नामक महिला के प्लॉट के फर्जी दस्तावेज पर लिया था. राकेश का परिवार मूलत: उत्तर प्रदेश के प्रयागराज का है. राकेश की पढाई नागपुर में हुई हैं. राकेश गुप्ता पर हुडकेश्वर, सीताबर्डी, जरिपटका और मानकापुर में भी आपराधिक मामले दर्ज हैं. सूत्रों की मानें तो राकेश एक प्लॉट के नाम पर 10 से 12 फर्जी रजिस्ट्री तैयार कर लेता था और फिर कर्ज लेने के लिए बैंकों के चक्कर काटता है. वह जिस भी बैंक से कर्ज लेता है, पहले वहां के कुछ लोगों के साथ सांठ-गाठ कर लेता है. राकेश के पास पैनकार्ड से लेकर अन्य कई दस्तावेज फर्जी हैं. राकेश गुप्ता की गिरफ्तारी से कई रहस्य उजागार होने की उम्मीद है.

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