विदर्भ

जनता ने ही सुअर पकडने की शुरुआत की

शहर की राजनीति गरमाई, आरोप प्रत्यारोप शुरु

  • यहां वहां भागदौड कर रहे है सुअर

चांदूर रेलवे/ दि.11 – शहर में आवारा सुअरों की वजह से जनता को काफी परेशानी झेलनी पड रही है. नगरपरिषद को कई बार ज्ञापन सौंपा. मौखिक सूचना भी दी गई, मगर अब तक किसी प्रकार की कार्रवाई नहीं की गई. इस वजह से अंतत: सोमवार की सुबह से पार्षद बच्चू वानरे, साहस बहुउद्देशीय संस्था के अध्यक्ष चेतन भोले के नेतृत्व में शहरवासियों ने आक्रामक रुप धारण करते हुए रास्ते पर उतरकर शहर में घुम रहे सुअरों को पकडने के लिए ट्रैक्टर से निकले थे. इस समय काफी सुअरों को पकडा गया. इस अभियान के समय सुबह 11 बजे तक शहर की सभी दूकानें बंद रखी गई थी. नगर परिषद के सत्ताधारी और निर्दलीय पार्षदों के बीच शुरु आरोप प्रत्यारोप के कारण शहर की राजनीति गरमाई हुई देखने को मिली.
चांदूर रेलवे शहर में सुअरों के आतंक को लेकर सामाजिक संस्थाओं ने आवाज उठाई. उसपर मिलने वाले प्रतिसाद को देखकर वह नगर परिषद के आगामी चुनाव को देखते हुए कई लोगों ने इस अभियान में भाग लिया, ऐसी चर्चा शहर में सुनने को मिली. नगर परिषद सुअरों का बंदोबस्त नहीं करने देंगे तो हम मारेंगे, ऐसी भूमिका अपनाते हुए सोमवार की सुबह से ही संगठन के सदस्य व नागरिकों ने सुअर पकडने का काम शुरु किया. इसमें साहस संगठना, युवक गणेश मंडल, विश्व हिंदू परिषद आदि संगठनाओं ने भाग लिया. सुअर पकडने का प्रायोगिक आंदोलन किया और कई सुअर पकडकर प्रशासन पर निशाना साधते हुए एक तरह से सुअरों की रैली निकाली गई. इस दौरान शहर में सुअरों की काफी भागदौड देखने मिली. इसके अलावा नगर परिषद व्दारा भी नियोजित सुअरों के बंदोबस्त का अभियान सोमवार को चलाया गया. तब जाकर नागरिकों को कुछ राहत मिली. यह अभियान आज मंगलवार को भी चलाया गया.

फिर नई निविदा निकालेंगे

हमने कई बार निविदाएं निकाली, परंतु किसी ने निविदा नहीं ली. अब फिर से निविदा जारी करेेंगे और नियमानुसार प्रक्रिया पूरी कर कार्रवाई करेंगे. जल्द ही लावारिश घुम रहे सुअरों को बंदोबस्त किया जाएगा. फिलहाल कर्मचारियों को सुअर पकडने के निर्देश दिये है.
– डॉ.मेघा वासनकर, मुख्याधिकारी

नगर परिषद में छोडेंगे सुअर

शहर में पिछले दिवाली से सुअरों का आतंक बढ गया है. सभी नागरिक काफी परेशान है, कई बार ज्ञापन सौंपने के बाद भी प्रशासन नींद में सोने का ढोंग कर रहा है, परंतु अब इन सुअरों के बंदोबस्त के लिए जनता रास्ते पर उतरी है. हमने सोमवार को स्वयं सुअर पकडकर नप परिसर में छोडे है.
– बच्चू वानरे, पार्षद

आंदोलन केवल नौटंकी

दीपावली से सुअरों की परेशानी थी. तथाकथित जनसेवक का कहना है, फिर आज होश आया है क्या? उनका आंदोलन केवल नौटंकी है. शहर की समस्या हल हुई है, सिर्फ सुअरों की समस्या बाकी रह गई, ऐसा वातावरण निर्माण किया जा रहा है. सभागृह में विरोधी पक्ष छोडकर हमारे साथ बैठने वाले पार्षद कार्यकाल समाप्त होते ही विरोधी पक्ष का दिखावा कर रहे है. सुअर की समस्या है, मगर 2018 में जनसेवक कहलवाने वाले बच्चू वानरे ने सुअर पकडने के अभियान का विरोध किया था. यह नौटंकी नागरिकों के समझ में आते ही ऐसी राय पूर्व कांग्रेस गुट नेता वैभव गायकवाड ने व्यक्त की.

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