नागपुर/प्रतिनिधि दि.११ – दूसरे पति व्दारा संबंध से साफ इनकार करने पर मानसिक आघात झेलने वाली पत्नी को मुंबई उच्च न्यायालय के नागपुर खंडपीठ ने गर्भपात करने की अनुमति दी है. न्यायालय ने यह निर्णय देते समय मेडिकल बोर्ड की राय ली है. इस मामले पर न्या. सुनील शुर्के व अविनाश घरोटे के समक्ष सुनवाई हुई.
बता दें कि संबंधित महिला ने 15 सप्ताह पहले गर्भवती रहते हुए उच्च न्यायालय में याचिका दायर कर गर्भपात कराने की अनुमति मांगी थी. जिसके बाद न्यायालय के आदेश पर मेडिकल बोर्ड स्थापित किया गया. इस बोर्ड ने महिला की आवश्यक मेडिकल जांच करवाकर 30 अप्रैल को न्यायालय में अपनी रिपोर्ट पेश की व मरीज के हित के लि ये गर्भपात करवाना जरुरी होने की बात कही. यह निर्णय लेने तक महिला का गर्भ 16 सप्ताह 2 दिन का हो चुका था.
मिली जानकारी के अनुसार सविता (काल्पनिक नाम) की 2015 में पहली शादी हुई थी. लेकिन पहला पति उसके साथ अच्छा बर्ताव नहीं कर रहा था. जिसके चलते उसने तलाक के लिए पारिवारिक न्यायालय में याचिका दायर की. यह याचिका फिलहाल प्रलंबित है. वर्ष 2019 में सविता की नौकरी के सिलसिले में दूसरे पति के साथ पहचान हुई. इस दरमियान दूसरे पति ने सविता को बेहोशी की दवा देकर उसकी आपत्तिजनक तस्वीरें ली और उस पर जबर्दस्ती करने की कोशिश की. वहीं सविता को चुप रहने के लिए आपत्तिजनक तस्वीरें इंटरनेट पर वायरल करने की धमकी दी थी. इसके बाद दूसरे पति ने स्वयं 23 जुलाई 2020 में आर्य समाज में सविता के साथ विवाह रचाया था. ज़नवरी 2021 में सविता को गर्भधारणा हुई, उसने इस बारे में जब अपने पति को बताया तो दूसरे पति ने सविता के साथ सभी संबंधों को नकार दिया और कहा कि वह पहले से ही शादी शुदा है. इस हालात में बच्चे को जन्म देना मानसिक रुप से पीड़ादायी साबित होगा. इसी बात को ध्यान में रखते हुए उसने गर्भपात की अनुमति पाने के लिए उच्च न्यायालय में गुहार लगाई. सविता की ओर से एड.स्वीटी भाटिया ने कामकाज देखा.