नागपुर/दि.21- नवजात शारीरिक व मानिसक तथा विकृतिग्रस्त रहने से वर्धा जिले के वायफड ग्राम की एक किसान महिला ने गर्भपात के लिए नागपुर खंडपीठ में याचिका दायर की है. न्या. सुनील शुक्रे और न्या. वृषाली जोशी ने इस संदर्भ में आवश्यक निर्देश देने के लिए राज्य सरकार से वैद्यकीय मंडल की रिपोर्ट मांगी है
जानकारी के मुताबिक पीडित माता 27 वर्ष की है. उसे पहली बार 23 जनवरी 2023 को अपने गर्भ का नवजात विकृतिग्रस्त रहने का पता चला. इस कारण उसने गर्भपात करने का निर्णय लिया. लेकिन वर्धा जिला सरकारी अस्पताल के डॉक्टरों ने गर्भ 20 सप्ताह से अधिक कालावधि का रहने का कारण बताकर गर्भपात करने से इंकार किया. इस कारण पीडित माता ने हाईकोर्ट में याचिका दायर की. वर्तमान में वह 28 सप्ताह की गर्भवती है. वैद्यकीय गर्भपात कानून के मुताबिक विशेष प्रकरण में 24 सप्ताह की कालावधि तक गर्भपात किया जा सकता है. पश्चात वैद्यकीय मंडल की सकारात्मक रिपोर्ट मिलने पर गर्भपात हो सकता है. गर्भवती रहने के कारण माता की जान को खतरा निर्माण हुआ अथवा उसके शारीरिक व मानसिक स्वास्थ्य को खतरा पहुंचने की संभावना रहने पर अथवा गर्भ ही शारीरिक व मानसिक विकृतिग्रस्त रहा तो गर्भपात किया जा सकता है. विरोध रहने के बावजूद अथवा अत्याचार के कारण गर्भवती होने पर यह संबंधित महिला के लिए मानसिक रुप से परेशान करना गृहित माना जाता है. पीडित माता के तरफ से एड. सोनिया गजभिए ने पक्ष रखा.