विदर्भ

अजनी वन बचाने के लिए हाईकोर्ट मेें याचिका

पेड़ो को तोडने की नोटिस रद्द करने की विनती

  • शुक्रवार को होगी सुनवाई

नागपुर/प्रतिनिधि दि.२ – अजनी इंटर मॉडेल स्टेशन प्रकल्प के लिए अजनी वन के हजारो वृक्षों को काटा जायेगा. इसके विरोध में जनआंदोलन पर्यावरण प्रेमी ने मुंबई उच्च न्यायालय की नागपुर खंडपीठ में दौड़ लगाई है. एड. श्वेता बुरबुरे व छायाचित्रकार अजय तिवारी ने अजनी वन बचाने के लिए जनहित याचिका दर्ज कर पेड तोडने की नोटिस अवैध ठहराए. ऐसी विनती की है. इस याचिका पर ४ जून को सुनवाई होगी.
इंटर मॉडेल स्टेशन प्रकल्प के लिए अजनी वन के ४९३० पेड काटे जायेंगे. महापालिका ने २९ मई को नोटिस जारी कर उस पर ७ दिनों मेें आपत्ति मांगी है. यह नोटिस जारी करते हुए कानूनी प्रक्रिया का पालन नहीं किया गया. आक्षेप प्रस्तुत करने के लिए बहुत कम समय दिया गया है. अजनी वन व इंटर मॉडेल स्टेशन प्रकल्प संदर्भ मेें आवश्यक जानकारी मिलने के अलावा आपत्ति प्रस्तुत करना असंभव है. इसके लिए प्रशासन को आवेदन प्रस्तुत किया गया. उस अनुसार जानकारी नहीं दी गई.
इसके लिए झाड तोडने की जल्दी करना गैर कानूनी रहेगा. पर्यावरण की सुरक्षा करना सरकार की जिम्मेदारी है. विविध पर्यावरण संस्था की रिपोर्ट नुसार नागपुर का तापमान व प्रदूषण दिनों दिन बढ रहा है. ऐसी स्थिति में अजनी की घनी वनसंपदा नष्ट करने पर पर्यावरण की बहुत हानि होगी. वह हानि कभी पूरी नहीं की जा सकती, ऐसा याचिका में दर्ज किया गया है.
अजनी वन में किस किस प्रकार के कौन से पेड़ है. इसका तीन महिने में सर्वेक्षण किया जाए. इंटर मॉडेल स्टेश प्रकल्प की जिम्मेदारी रेकॉर्ड पर लायी जाए. अजनी वन के कितने पेड़ बचाए जा सकते है. इसका अभ्यास करने के लिए विशेषज्ञों की समिति स्थापित की जाए. ऐसी विनती याचिकाकर्ताओं ने की है.
याचिका मेें केन्द्र सरकार, राज्य सरकार, महानगरपालिका आयुक्त जिलाधिकारी, मुख्य वनसंवर्धक, महाराष्ट्र प्रदूषण नियंत्रण मंडल व पुलिस आयुक्त को प्रतिवादी किया गया है. याचिकाकर्ता द्वारा एड. एम. अनिलकुमार कामकाज देखेंगे.

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