विदर्भ

अचल संपत्ति जब्ती का पुलिस को नहीं हक

हाईकोर्ट ने दिया महासंचालक को हुक्म

नागपुर/दि.17- बंबई उच्च न्यायालय की नागपुर खंडपीठ ने साफ कहा कि फौजदारी प्रक्रिया धारा 102 अंतर्गत पुलिस को अचल संपत्ति जब्त करने का अधिकार नहीं हैं. न्या. सुनील शुक्रे और न्या. महेंद्र चांदवानी की खंडपीठ ने पुलिस महासंचालक को सर्वोच्च न्यायालय के आदेश को स्पष्ट कर यह भी निर्देश दिया कि इस बारे में वे पूरे महकमे में जनजागृती करें. अदालत ने यह आदेश नागपुर के शिवसेना नेता मंगेश कडव के प्रकरण में दिया. जिनकी संपत्ति अंबाझरी पुलिस ने गत 19 फरवरी 2015 को जब्त की थी. कडव ने पुलिस की कार्रवाई को अपने वकील के माध्यम से हाईकोर्ट में ललकारा था.
* जांच के नाम पर गलत नहीं
हाईकोर्ट ने सर्वोच्च न्यायालय के नेबेदा प्रॉपर्टीज प्रकरण में दिए गए आदेश को स्पष्ट किया. जिसमें सुको ने कहा था कि पुलिस अचल संपत्ति जब्त नहीं कर सकती. खंडपीठ ने कहा कि जांच के नाम पर पुलिस कानून को दरकिनार नहीं कर सकती. यदि ऐसा होता है तो वह प्रयास तुरंत रोक दिए जाने चाहिए. कानून सर्वोपरि है. उसका अमल करने वाले कानून पर अपना प्रभुत्व नहीं जता सकते.
* क्या है मंगेश कडव का मामला
मंगेश कडव शिवसेना के महानगर प्रमुख थे. उन पर धोखाधडी, हफ्ताखोरी संबंधित अपराध दर्ज हैं. अंबाझरी पुलिस ने एफआईआर दाखिल कर जांच अधिकारी ने कडव के भरत नगर पुराणिक लेआउट का घर जब्त करने की नोटिस 2015 में जारी की थी. घर बेचने की मनाई की थी. इसके विरुद्ध पीडित घरमालक विक्रम लाभे और अन्य ने हाईकोर्ट में गुहार लगाई हाईकोर्ट ने विवादास्पद नोटिस रद्द कर दी.

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