विदर्भ

राज्य में हिंदी की सख्ती से पुलिस अधिकारी दिक्कत में

संस्कृत विषय के कारण ऐन समय पर हिंदी सीखने की नौबत

नांदेड़/दि.25 – शिवसेना ने हमेशा ही मराठी को पुरस्कृत किया है. लेकिन शिवसेना के नेतृत्ववाली महाविकास आघाड़ी सरकार में पदोन्नति के लिये हिंदी भाषा आवश्यक किये जाने से अनेक अधिकारियों में दिक्कतें निर्माण हुई है. मराठी को पर्याय के रुप में स्कूल में संस्कृत भाषा को चुनने वाले सहायक पुलिस निरीक्षक पर अब पदोन्नति के लिये ऐन समय पर हिंदी में शिक्षा लेने की नौबत आयी है.
पुलिस महासंचालक कार्यालय ने राज्य के 450 सहायक पुलिस निरीक्षकों की ज्येष्ठता सूची हाल ही में जारी की. उन्हें पदोन्नति देकर पुलिस निरीक्षक बनाया जाने वाला है. इन अधिकारियों के लिये मराठी, हिंदी में शिक्षा ग्रहण करना बंधनकारक किया गया है. लेकिन इनमें से कई अधिकारियों ने दसवीं में मराठी को पर्यायी भाषा के रुप में हिंदी के बदले संस्कृत को प्रधानता दी थी. ये अधिकारी अब इस भाषा के कारण दिक्कत में आये हैं. क्योंकि हिंदी में शिक्षा ग्रहण नहीं की हो तो पदोन्नति नहीं, ऐसा शासन का नियम है. पदोन्नति के लिये कुछ को हिंदी संचालनालय मार्फत हिंदी में दसवीं की परीक्षा उत्तीर्ण करने के लिये आवेदन भी भरा है. लेकिन कोरोना के कारण इस वर्ष दसवीं, बारहवीं की परीक्षा ही रद्द हो गई. इस कारण इन पुलिस अधिकारियों के सामने समस्या निर्माण हुई है.
दरमियान संस्कृत व हिंदी इस विवाद बाबत राज्य के पुलिस महासंचालक कार्यालय की जांच किये जाने पर पदोन्नति के लिये मराठी के साथ हिंदी बंधनकारक होने बाबत का जीआर सामान्य प्रशासन विभाग ने 1 अगस्त 2019 को जारी किया है. वह सिर्फ पुलिस के लिये ही नहीं बल्कि शासन के सभी विभाग के व सभी संवर्ग के अधिकारियों के लिये लागू होने की बात कही गई.

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