विदर्भ

ओबीसी आरक्षण को लेकर जमकर चल रही राजनीति

नहीं थम रहा आरोप प्रत्यारोप का दौर

नागपुर/दि.2 – राज्य में ओबीसी आरक्षण को लेकर कांग्रेस व भाजपा के बीच जमकर राजनीति चल रही है. आरोप व प्रत्यारोप का दौर थमने का नाम नहीं ले रहा. भाजपा ने इस मामले में कांग्रेस पर निशाना साधा था अब कांग्रेस ने पूरे मामले को लेकर भाजपा पर आरोप मढ दिए.

भाजपा कर रही भ्रम की राजनीति

ओबीसी आरक्षण के मामले में भाजपा केवल भ्रम की राजनीति कर रही है. मैने विधानसभा अध्यक्ष पद पर रहते हुए राज्य में ओबीसी जनगणना का प्रस्ताव रखा था. लेकिन भाजपा इस मुद्दे को लेकर कभी स्पष्ट भूमिका में नहीं दिखाई दी. फिलहाल राज्य सरकार ओबीसी जनगणना कराने के लिए परिपत्रक निकालने की तैयारी में है. ओबीसी जनगणना का मामला लोकसभा में भी कांगे्रस ने उठाया है लेकिन भाजपा के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार ने उसे मंजूर नहीं किया है. राज्य के मुख्यमंत्री रहते हुए देवेंद्र फडणवीस ने ओबीसी समाज को केवल आश्वासन दिए. फडणवीस सरकार ने ओबीसी छात्रवृत्ती पर भी रोक लगा दी थी.
– नाना पटोले,
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष

ओबीसी आरक्षण खत्म करने की साजिश

कांग्रेस ने साजिश रचकर ओबीसी आरक्षण समाप्त करने का प्रयास किया है. स्थानीय निकाय संस्थाओं में ओबीसी आरक्षण के खिलाफ न्यायालय मे याचिका दर्ज करवाने वाले कांग्रेस के ही कार्यकर्ता है. भंडारा जिला परिषद से जुडे कांग्रेस कार्यकर्ता ने न्यायालय में याचिका के माध्यम से ओबीसी आरक्षण का विरोध किया है.
– परिणय फुके,
विधानपरिषद सदस्य

जिला परिषदों में सत्ता के समीकरण बदले

गौरतलब है कि ओबीसी आरक्षण को लेकर उच्चतम न्यायालय के निर्णय के बाद राज्य में नागपुर सहित 5 जिलों में जिला परिषद के लिए ओबीसी वर्ग की सीट से चुनाव जीते सदस्यों की सदस्यता रद्द कर दी गई है. सदस्यता रद्द हाने से संबंधित जिला परिषदों में सत्ता के समीकरण बदल गए है. सत्ता बदलने की भी स्थिती है. जिप की जिम्मेदारी संभालने वाले प्रमुख पदाधिकारियो की सदस्यता भी रद्द कर दी गई है.

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