नागपुर/प्रतिनिधि दि.२९ – गणेशोत्सव को महीनेभर से अधिक समय है. फिर भी महानगरपालिका ने इस बार पीओपी मूर्ति संबंधी नियोजन हेतु कड़ाई से पालन करने का निर्णय लिया है. जिससे इन मूर्तियों की निर्मिति व बिक्री पर की गई बंदी के आदेश का कड़ाई से अमल में लाने की दिशा में हलचलें जारी है. ऐसी सूचना स्वास्थ्य समिति व्दारा मनपा प्रशासन को दी गई है.
गणेशोत्सव की पार्श्वभूमि पर मूर्तिकारों की ओर से गणेश मूर्ति की निर्मिति शुरु हो गई है. शहर में मिट्टी की मूर्ति तैयार की जा रही है फिर भी अनेक मूर्तिकारों व्दारा पीओपी का इस्तेमाल किया जा रहा है. मात्र अब केंद्र सरकार ने ही पीओपी मूर्ति पर बंदी घोषित की. इस कारण इसे प्रभावी रुप से अमल में लाया जाये, इस दृष्टि से मनपा व्दारा कदम उठाया जा रहा है. स्वास्थ्य समिति की बैठक में सभापति संजय महाजन ने इससे पूर्व मनपा व्दारा पीओपी मूर्ति के संदर्भ में की जाने वाली कार्यवाही की समीक्षा ली.
केंद्र सरकार व्दारा ऐसी मूर्ति पर बंदी लाये जाने के बाद विक्रेताओं ने न्यायालय में याचिका दाखल की. जनभावना को ध्यान में रखते हुए न्यायालय व्दारा पीओपी मूर्ति बिक्री संदर्भ में महत्वपूर्ण आदेश निर्गमित किया गया. जिसके अनुसार पीओपी मूर्ति विक्रेताओं ने उनकी दूकानों के सामने यहां पर पीओपी मूर्ति की बिक्री की जाती है ऐसा बैनर लगाना अनिवार्य किया था. वहीं पीओपी की पहचान हो, इसके लिए मूर्ति के पिछले हिस्से में लाल रंग का निशान लगाना अनिवार्य किया था. जिसके अनुसार मनपा व्दारा न्यायालय के आदेश को अमल में लाने बाबत कार्यवाही किये जाने की जानकारी उपायुक्त (घनकचरा व्यवस्थापन) राजेश भगत ने दी.
बैठक में उपसभापति विक्रम ग्वालवंशी, समिति सदस्य नागेश मानकर, सदस्य भावना लोणारे, ममता सहारे, उपायुक्त (स्वास्थ्य विभाग) विजय देशमुख, नोडल अधिकारी डॉ. गजेन्द्र महल्ले, स्थावर अधिकारी राजेन्द्र अंबारे, खोज पथक प्रमुख वीरसेन तांबे आदि उपस्थित थे.
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शहर में आने ही न दें
शहर में कही पर भी मूर्ति की उपलब्धता न हो, इस दृष्टि से प्रशासन व्दारा कार्यवाही की जाये, पीओपी मूर्ति का इस्तेमाल न करने बाबत अलग-अलग माध्यमों से जनजागृति की जाये, बावजूद इसके शहर में पीओपी मूर्ति किसी भी मार्ग से दाखल न हो, इसके लिए नाकाबंदी की जाये,ऐसा पत्र पुलिस विभाग को दिये जाने की बात सभापति व्दारा सुझायी गई.