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पॉक्सो का उद्देश्य प्रेम की सजा देना नहीं

नागपुर की सत्र न्यायालय का कहना

नागपुर/ दि. 13– यहा के विशेष सत्र न्यायालय ने नाबालिग से दुष्कर्म के मामले में माना कि अगर आरोपी और पीडिता के बीच प्रेम संबंध है और वे विवाह करके पति- पत्नी की तरह रह रहे है तो इस स्थिति में पति को दुष्कर्म का आरोप नहीं माना जा सकता. कोर्ट ने कहा कि पॉक्सो अधिनियम की मदद से दो युवाओं को प्रेम करने से नहीं रोका जा सकता. इस विशेष कानून का उद्देश्य 18 वर्ष से कम आयु के बच्चों की यौन अत्याचार से रक्षा करना है.
कोर्ट ने 20 नवंबर 2019 के राणा प्रताप नगर थाने में 26 साल के आरोपी के विरूध्द दर्ज मामले में आरोपी को बरी कर दिया. 15 साल की किशोरी और 26 साल के युवक के बीच प्रेम संबंध थे. आरोपी किशोरी को लेकर छत्तीसगढ भाग गया था. किशोरी के भाई की शिकायत पर पुलिस आरोपी को छत्तीसगढ से पकड लायी. उसके विरूध्द अपहरण, पॉक्सो, बलात्कार का केस दर्ज किया था.

 

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