विदर्भ

जिले में शालाओं की पूर्व तैयारी जोरों पर

गुणवत्ता सहित विद्यार्थी संख्या बढाने प्रयासों की जरूरत

परतवाडा/दि.20-कक्षा पहली में प्रवेशित बालकों के लिए शाला पूर्व तैयारी अभियान का अमल किया जा रहा है. लेकिन कई स्कूलों में अपेक्षित प्रवेश नहीं होने से शिक्षकों को छात्रों की खोज करना पड रहा है. इस पर प्रशासन द्वारा उपाय योजना क्यों नहीं की जा रही? ऐसे अनेक सवाल खडे हो रहे है. इस पर गुणवत्ता के साथ-साथ छात्रों की संख्या बढाने के लिए और भी प्रयासों की जरूरत है, ऐसी प्रतिक्रिया अभिभावकों द्वारा व्यक्त की जा रही है.

स्कूल का वातावरण प्रसन्न और आरोग्यदायी हो, इसके लिए प्राथमिकता से शालेय परिसर की साफसफाई की जाए. सम्मेलन में कक्षा पहली में प्रवेश पात्र सभी बालक और उनके अभिभावक सहभागी होने के लिए सम्मेलन के आयोजन के एक-दो दिन पूर्व बस्ती, ग्रामस्तर पर प्रभातफेरी निकालकर, मुनादी देकर अथवा मीडिया का उपयोग करके, इसके पूर्व उपलब्ध कराए पोस्टर्स, बैनर्स लगकार जनजागृति की जाए. और इसके माध्यम से कक्षा पहली के सभी बालकों को व उनके अभिभावकों को सम्मेलन में शामिल किया जाए. उपक्रम के तहत हुए प्रशिक्षण के मार्गदर्शन के अनुसार सम्मेलन में स्टॉल्स लगाए जाए, सभी स्टॉल्स पर बालकों के कृति की जानकारी विकासपत्र पर सम्मेलन नंबर नुसार दर्ज की जाए. पंजीयन, शारीरिक विकास, बौद्धिक विकास, सामाजिक और भावनात्मक विकास, भाषा विकास, गणनपूर्व तैयारी, अभिभावकों का मार्गदर्शन आदि सूचनाएं दी गई है. उस दृष्टि से काम भी शुरु है. हालांकि, हर साल गांव तथा परिसर में कुछ प्रमाण में शाला में प्रवेश हो रहा है, फिरभी अन्य स्कूलों में प्रवेश क्यों नहीं हो रहे? यह संशोधन का विषय है, वहीं दूसरी ओर शिक्षा विभाग भी इस ओर गंभीरता से ठोस कदम नहीं उठा रहा, ऐसा दिखाई देता है, यह चर्चा शिक्षा क्षेत्र में की जा रही है.
निजी स्कूलोें की ओर अभिभावकों को रूझान बढ रहा है. इसे देखते हुए अपने स्कूल की ओर रुझान क्यों कम हो रहा है, इस का चिंतन सरकारी स्कूल, शिक्षा विभाग समेत संबंधित स्कूलों के कर्मचारियों ने करने की जरूरत है.

कक्षा 1 ली में प्रवेश पात्र बालकों की संख्या
मल्हारा 300
कुष्ठा 50
रासेगांव 100
पथ्रोट 250
बोपापुर 65
धामणगांव 300
नगरपरिषद-1 150
नगरपरिषद-2 700
भूगांव 100
परसापुर 250
असदपुर केंद्र 175
कुल 2449

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