गर्भलिंग परीक्षण कमेटी की 240 घंटे बाद खुली नींद
आर्वी के कदम अस्पताल में अवैध गर्भपात का मामला
वर्धा/दि.21 – विगत कुछ दिनों से वर्धा जिलांतर्गत आर्वी शहर स्थित कदम अस्पताल में उजागर अवैध गर्भपात मामला लगातार चर्चा में बना हुआ है. इस मामले के उजागर होते ही अगले 48 घंटों के भीतर प्रसूति पूर्व गर्भलिंग परीक्षण कमेटी (पीसीपीएनडीटी) द्वारा अपनी जांच पूरी करते हुए अदालत में शिकायत दर्ज कराया जाना जरूरी था. किंतु मामले को उजागर हुए 10 दिन बीत जाने के बाद भी पीसीपीएनडीटी द्वारा ऐसा नहीं किया गया. जिसके चलते यह कमेटी ही कई तरह के सवालों के घेरे में घिरती नजर आयी और कमेटी के कामकाज को लेकर सवालियां निशान खडे किये जाने लगे. जिसके बाद कल गुरूवार 20 जनवरी को पीसीपीएनडीटी कमेटी द्वारा आर्वी के प्रथम श्रेणी न्यायदंडाधिकारी की अदालत में कदम अस्पताल की संचालिका डॉ. रेखा कदम व उनके पति डॉ. नीरज कदम द्वारा रजिस्टर में दर्ज जानकारियों में गडबडी किये जाने की शिकायत की गई है.
बता दें कि, राज्य सरकार के सार्वजनिक स्वास्थ्य विभाग द्वारा 30 मई 2017 को जारी किये गये निर्णयानुसार ऐसे किसी भी मामले में 24 घंटे के भीतर संबंधित अस्पताल की जांच पूर्ण कर 48 घंटे के भीतर अपनी जांच रिपोर्ट तैयार करते हुए इसकी शिकायत न्यायालय में दर्ज कराना जरूरी किया गया है. किंतु संभवत: जिले के पीसीपीएनडीटी कमेटी के अधिकारी इस आदेश को भुल गये. जिसे लेकर प्रसार माध्यमों द्वारा समाचार प्रकाशित किये जाते ही आर्वी उपजिला अस्पताल के वैद्यकीय अधीक्षक डॉ. मोहन सुपे ने अब कहीं जाकर अदालत में विधिवत अपनी शिकायत दर्ज करायी है.
जमानत याचिका दाखिल, सुनवाई प्रलंबित
इस अवैध गर्भपात मामले में आरोपी बनाई गई डॉ. रेखा कदम सहित उनकी दो परिचारिकाओें द्वारा वर्धा की अदालत में जमानत मिलने हेतु आवेदन किये जाने की जानकारी है. किंतु विश्वसनीय सूत्रों से पता चला है कि, न्यायालय ने अब तक इस जमानत याचिका पर कोई सुनवाई नहीं की है.
सोनोग्राफी सेंटर का लाईसेन्स रद्द
अवैध गर्भपात की शिकायत दर्ज होते ही पीसीपीएनडीटी कमेटी द्वारा 24 घंटे के भीतर मामले की जांच करना जरूरी होता है. साथ ही यदि इस जांच में सोनोग्राफी सेंटर द्वारा नियमों का भंग किये जाने की बात साबित होती है, तो संबंधित सेंटर के पंजीयन को धारा 20 (1) (2) (3) के अनुसार तत्काल निलंबीत करते हुए सोनोग्राफी मशीन को तुरंत जप्त करना आवश्यक होता है. किंतु इस मामले में पीसीपीएनडीटी कमेटी द्वारा शुरूआत से लेटलतीफी की गई और मामला उजागर होने के करीब 10 दिन बाद गुरूवार को डॉ. कदम अस्पताल के सोनोग्राफी सेंटर का लाईसेन्स रद्द किया गया.
‘उस’ नाबालिग को भेजा गया सुधारगृह में
आर्वी निवासी 13 वर्षीय अल्पवयीन लडकी पर लैंगीक अत्याचार करते हुए उसे गर्भवती बनानेवाले नाबालिग लडके को पुलिस ने अपने कब्जे में लिया था. पश्चात उसे शुक्रवार को वर्धा स्थित बाल सुधार गृह में भेज दिया गया. ऐसी जानकारी आर्वी के थानेदार भानुदास पिदुरकर द्वारा दी गई. इस मामले की अगली जांच पुलिस उपनिरीक्षक ज्योत्सना गिरी द्वारा की जा रही है.