अमरावती-मलकापुर रास्ते के काम का कार्यादेश प्रस्तुत करें
उच्च न्यायालय का महामार्ग प्राधिकरण को निर्देश
नागपुर/दि.12– मुंबई उच्च न्यायालय के नागपुर खंडपीठ ने अमरावती-मलकापुर रोड के विकास काम की सत्य परिस्थिति जानने के लिए संबंधित सभी कार्यादेश, करार व अन्य दस्तावेज की झेरॉक्स न्यायालय में प्रस्तुत करने का निर्देश भारतीय राष्ट्रीय महामार्ग प्राधिकरण को दिये. बावजूद इसके तलेगांव-अमरावती रास्ते की उचित देखभाल करने में असफल साबित होने के कारण, आरबीआय तलेगांव-अमरावती (टोलवेज) कंपनी पर ठोका गया दंड और दंड की वसुली की जानकारी भी मांगी है. इसके लिए प्राधिकरण को चार सप्ताह का समय दिया गया है.
इस संदर्भ में एड. अरुण पाटील ने जनहित याचिका दाखल की है. जिस पर न्यायमूर्तिद्वय सुनील शुक्रे व अनिल पानसरे के समक्ष सुनवाई हुई. दरमियान याचिकाकर्ता के वकील एड. फिरदोस मिर्झा ने अमरावती से चिखली सहित इन्य चरणों के विकास काम में अत्यल्प प्रगति होने की बात न्यायालय के ध्यान में लायी. प्रत्युत्तर में महामार्ग प्राधिकरण के वकील एड. अनीश कठाणे ने अमरावती से चिखली रोड का काम पूर्ण करने के लिए 9 जुलाई 2023 तक का समय दिए जाने की जानकारी दी. चिखली से तारसोड व तारसोड से फगाणे चरण के काम के लिए मार्च व अप्रैल 2017 में करार किया गया था. चिखली से तारसोड चरण के काम की प्रगति समाधानकारक है. तारसोड से फगाणे चरण के काम अक्तूबर 2022 तक पूरा किया जायेगा, ऐसी जानकारी उन्होंने दी. न्यायालय ने इस मुद्दे पर विचार करते हुए संबंधित निर्देश दिए.
* याचिकाकर्ता का यह कहना है
नागपुर-अमरावती-मलकापुर महामार्ग अत्यंत खराब हो गया है. ठेकेदार ने गत अनेक महीनों से महामार्ग की दुरुस्ती नहीं की. परिणामस्वरुप यह महामार्ग वाहन चालकों के लिए काफी तकलीफ देने वाला बन गया है. महामार्ग पर दुर्घटनाएं बढ़ी है. याचिकाकर्ता का कहना है कि इसमें प्राण हानि भी हो रही है.
* प्रकल्प संचालकों को किया प्रतिवादी
उच्च न्यायालय ने आवश्यक निर्देश देने के लिए नागपुर-अमरावती महामार्ग की देखभाल व दुरुस्ती की जिम्मेदारी वाले ठेकेदार व भारतीय राष्ट्रीय महामार्ग प्राधिकरण के जलगांव के प्रकल्प संचालक को इस मामले में प्रतिवादी किया.