प्रतिनिधि/ दि.२२
अकोला– निजी स्कूल संस्था संचालकों की ओर से अभिभावकों को किए जाने वाली सामग्री खरीदी की सख्ती को लेकर राज्यमंत्री एंव अकोला के पालक मंत्री बच्चू कडू ने कठोर भूमिका ली है. जिसके चलते अब निजी स्कूल संस्था संचालकों की नियमों को ताक पर होने वाल सामग्री खरीदी की सख्ती पर कार्रवाई की कैंची में अटकने की संभावनाएं नजर आ रही है. अभिभावकों की शिकायत मिलने पर संस्था संचालकों पर सीधे अपराध दर्ज करने के निर्देश दिए गए है. स्कूल सख्ती सामग्री बिक्री के प्रकार सामने आने पर समिती की ओर से जांच पडताल कर कार्रवाई करने के स्पष्ट निर्देश दिए गए है. यहां बता दे कि, शिक्षा जैसे पवित्र क्षेत्रों को अब व्यवसायिक स्वरुप प्राप्त हुआ है. प्ले ग्रुप से लेकर पढाई के लिए अभिभावकों को प्रतिवर्ष लाखों रुपए खर्च करने पडते है. संस्था संचालकों द्वारा अतिरिक्त कमाई के लिए स्कूल की इमातरतों में ही शालेय सामग्री के मॉल खोल दिए है. शिक्षा, बस, मेस, परिसर विकास, परीक्षा सहित विविध कार्यो के नाम पर शुल्क वसूल करने के अलावा शालेय सामग्री की खरीदी स्कूल से ही करने की सख्ती कर अभिभावकों को लूटा जा रहा है. किताबें, नोटबुक,कंपास, जूते, गणवेश, के साथ ही स्कूल बैग भी स्कूलों से खरीदी करना अभिभावाकों को अनिवार्य कर दिया गया है. इन वस्तुओं की मूल किमतों से ज्यादा दरों में इनकी बिक्री की जाती है. निजी स्कूलों के अलावा सरकार का अनुदान प्राप्त करने वाली स्कूलों में भी यह लूट का सिलसिला चल रहा है. कुछ स्कूलों द्वारा निर्धारित किए गए दुकानदारों से ही सामग्री खरीदी करने की सख्ती की जा रही है. अलग-अलग गणवेश के लिए पैसे वसूल कर स्कूलों ने अभिभावकों के साथ लूट करने के उपाया ढूंढे है. नियमों के तहत निजी स्कूलों में व्यवसाय नहीं किया जा सकता. स्कूल किसी भी विश्ष्टि दुकान से किताब, गणवेश अथवा कोई भी शैक्षणिक सामग्री खरीदी के लिए अभिभावकों पर दबाव नहीं ला सकते. यह आदेश वर्ष २००४ में उच्च न्यायालय ने दिया है. बावजूद इसके नियम व कानून की धज्जियंा उडायी जा रही है. संस्था संचालकों की दुकानदारी के विरोध में अकोला के अभिभवकों के प्रतिनिधि मंडल ने शालेय शिक्षा राज्यमंत्री बच्चू कडू के पास शिकायत दर्ज करायी थी. शिक्षा संस्था संचालाकों द्वारा सख्ती नहीं की जा सकती. इस बारे में बच्चू कडू ने स्पष्ट जानकारी दी है. संस्था संचालकों के खिलाफ अभिभावकों की ओर से शिकातय मिलने पर अपराध दर्ज करने के निर्देश शिक्षाधिकारी को दिए गए है. इस संबंध में जिलाधिकारी व जिलापरिषद के मुख्यकार्यकारी अधिकारी द्वारा बार-बार समीक्षण लेकर अभिभावकों की शिकायतों का निराकरण करने के निर्देश दिए गए. पालकमंत्री बच्चू कडू ने राजस्व, पुलिस, शिक्षा विभाग और अभिभावकों की एक समिती स्थापित करने के भी निर्देश दिए. इस समिती के जरीए स्कूलों पर निगरानी रखते हुए सामग्री खरीदी सख्ती के प्रकार पाए जाने पर जांच पडताल कर कार्रवाई करने के निर्देश दिए गए है. शालेय शिक्षामंत्र बच्चू कडू ने संस्था संचालकों के विरोध में भूमिका लेकर यह कडे कदम उठाए है. इस निर्णय से अभिभावकों को राहत मिलने वाली है.
स्मार्ट फोन खरीदने की कि जा रही सख्ती
कोरोना महामारी की वजह से इस वर्ष अभी तक स्कूलें शुरु करने का निर्णय नहीं लिया गया है. जिसके चलते ऑनलाइन पढाई शुरु की गई है. इसके लिए बच्चों के हाथ में स्मार्ट फोन देने की जानकारी निजी स्कूलों द्वारा अभिभावकों को दी जा रही है. ऑनलाइन पढाई के लिए स्कूल के छात्रों को नया स्मार्ट फोन लेकर देने की सख्ती भी की गई है. जिससे अभिभावकों की परेशानियां बढ गई है.
निजी स्कूल के संस्था संचालक सामग्री खरीदी की सख्ती नहीं कर सकते है. उन्हें ऐसे कोई भी अधिकार नहीं दिए गए है. अभिभावकों की शिकायत मिलने पर तुरंत अपराध दर्ज करने के निर्देश दिए गए है. ऐेस मामले सामने आने पर समिती की ओर से जांच पडताल कर कार्रवाई की जाएगी.
-बच्चू कडू, राज्यमंत्री