विदर्भ

निर्यात बंदी से प्याज उत्पादक किसानो की मुश्किलें बढी

किसानों ने की तत्काल निर्यात बंदी हटाने की मांग

वाशी/दि.8 – कृषि कानून को लेकर संपूर्ण देशभर के किसानों द्वारा देश की राजधानी दिल्ली में आंदोलन किया जा रहा है. जिसमें भारत बंद का भी आहवान किया गया है. ऐसे में नासिक के प्याज उत्पादक किसानों का भी प्रश्न गंभीर हो रहा है. बाजारों में प्याज की आवक बढने के बावजूद भी प्याज के दामों में उठाव नहीं है. केंद्र सरकार द्वारा निर्यात पर पाबंदी लगा दी गई. जिसके कारण प्याज उत्पादक किसानों की मुश्किले बढ गई है. नासिक के प्याज उत्पादक फिर से अचडन में आ गए है. इन प्याज उत्पादक किसानों ने तत्काल निर्यात बंदी हटाने की मांग की. अगर इनकी मांगे पूरी नहीं की गई तो कृषि मंडी बंद कर देने की चेतावनी प्याज उत्पादक किसानों द्वारा दी गई.
निर्यात बंदी की वजह से नासिक के प्याज उत्पादक किसानों को फिर से परेशानी के दौर से गुजरना पड रहा है. पिछले महीने में प्याज को 70 से 80 रुपए के दाम मिल रहे थे. पिछले सप्ताह 50 रुपए तथा अब 10 से 30 रुपए तक के दाम मिल रहे है. ग्रीष्मकालीन प्याज को 10 रुपए तथा नए लाल प्याज को 30 रुपए प्रति किलो दाम मिल रहा है. पिछले महीने प्याज की बाजारों में आवक बढते ही कर्नाटक सहित अन्य राज्यों में प्याज की आवक वहां के बाजारों में आने की वजह से उन राज्यों की जरुरत पूर्ण हो गई थी. किंतु नासिक सहित संपूर्ण राज्य में प्याज के दाम गिरने की वजह से फिर से प्याज उत्पादक किसान दिक्कत में दिखायी दे रहा है.

निर्यात बंदी हटाने की मांग

प्याज के दाम इस तरह से गिर गए है कि प्याज उत्पादक किसानों का लगाया गया खर्च भी नहीं निकल पा रहा है. प्याज नाशवंत होने की वजह से किसान इसे जो दाम मिल रहे है उसमें ही बेचने को मजबूर है. अभी बाजारों में प्याज आने के मार्ग पर है. फिर भी सरकार प्याज की आयात कर रही है. जिसमें तत्काल बंदी हटाने की मांग किसान सहित व्यापारियों द्वारा की जा रही है.

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