विदर्भ

औषधीय गुणोंवाली वायगांव की हल्दी का क्षेत्र में बढ़ रहा उत्पादन

उत्पादक किसानों को प्रक्रिया उद्योग का इंतजार

* प्रशासन से की ध्यान देने की मांग
समुद्रपुर/दि.7-वायगांव की औषधीय गुणोंवाली हल्दी की मांग बढ़ती जा रही है. इस साल 200 हेक्टेयर में हल्दी की बुआई की गई है. फिलहाल बाजार में इसके दाम 28 से 30 हजार रुपए प्रति क्विंटल है. समुद्रपुर तहसील के वायगांव में उत्पादित हल्दी में अन्य की तुलना में औषधीय गुण अधिक है, अतः बाजार में वायगांव की हल्दी की मांग अधिक है. अंतरराष्ट्रीय स्तर पर वायगांव की हल्दी की मांग अधिक होने के बाद भी अब तक कोई प्रक्रिया उद्योग यहां स्थापित नहीं हो पाया है. इसके बावजूद यहां के किसान परंपरागत खेती के अलावा मुख्य तौर पर हल्दी के उत्पादन की ओर आकर्षित हो रहे हैं. औषधीय गुणोंवाली वायगांव की हल्दी का क्षेत्र में उत्पादन बढ़ रहा है. यहां के उत्पादक किसानों को प्रक्रिया उद्योग का इंतजार है. उन्होंने प्रशासन से इस ओर ध्यान देने की मांग की है.
वायगांव हल्दी की मांग हेल्थ और फार्मा सेक्टर में बहुत है. दरअसल, यहां की हल्दी में करक्यूमिन अधिक होता है, जिसका उपयोग होम्योपैथी दवा के निर्माण में होता है. दो तरह की हल्दी ज्यादा प्रचलित हैं. सलेम और वायगांव हल्दी. जहां सलेम हल्दी में करक्यूमिन की मात्रा 2.3 प्रतिशत है वहीं वायगांव की हल्दी में यह 4.5 प्रतिशत होती है. फिलहाल वायगांव हल्दी का थोक भाव इस साल 28 हजार रुपए प्रति क्विंटल है. वायगांव हल्दी को देश भर में प्रसिद्ध करने के लिए भारतीय डाक विभाग ने वर्ष 2022 में पोस्ट के लिफाफे पर वायगांव हल्दी की जानकारी छापी थी. लेकिन वायगांव की हल्दी पर प्रक्रिया के लिहाज से अथ तक कोई बड़ा उद्योग समुद्रपुर तहसील में नहीं आ सका है. तहसील के किसानों ने क्षेत्र के विधायक समीर कुणावार एवं जिला प्रशासन से हल्दी प्रक्रिया उद्योग स्थापित करने और उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए प्रयास करने की मांग की है.

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