विदर्भ

बगाजी महाराज लिफ्ट इरिगेशन हेतु प्रस्ताव

राजे रघुजी महाराज भोसले, सहकार मंत्री से चर्चा : 500 एकड़ पर सिंचाई

धामणगांव रेल्वे/दि.10 – विदर्भ की पहली उपसा जलसिंचाई सहकारी संस्था तहसील के वरुड बगाजी में कार्यरत है. उसकी सिंचाई क्षमता 500 एकड़ जमीन की है. मात्र वह बंद रहने से नये से शुरु करने का प्रस्ताव शासन के विचाराधीन है. इस बाबत नागपुर के श्रीमंत राजे रघुजी महाराज भोसले, सहकार मंत्री बालासाहब पाटील से हाल ही में चर्चा हुई.
विदर्भ में कुल 72 लिफ्ट एरिगेशन संस्था है. अमरावती जिले के जरुड में शरद उपसा जलसिंचन एवं वरुड बगाजी का इसमें समावेश है. 1986 में सहकार मंत्री विलास देशमुख ने विदर्भ में सहकार क्षेत्र द्वारा किसानों को जलापूर्ति हो, इसलिए इस संस्था का पंजीयन करने के आदेश दिये थे. यह प्रकल्प पूर्व मंत्री तथा शेतकरी सहकारी शक्कर कारखाने के अध्यक्ष यशवंत शेरेककर ने पुरस्कृत किया था.
वर्धा नदी से आधुनिक तकनीकी का इस्तेमाल कर 70 एचपी हॉर्स पॉवर की 3 मोटर, बड़े पंप हाऊस, स्वतंत्र इलेक्ट्रिक डीपी, दो बड़े चेंबर, 7 किलोमीटर सीमेंट की अंतर्गत पाईप लाईन, नदी की इन्टेक बेल, नदी के बाद की जॅक बेल आदि के लिए बैंक ऑफ इंडिया पुलगांव शाखा से 35 लाख काक कर्ज लिया था. एड. प्रदीप देशमुख के साथ यह वरुड बगाजी उपसा सिंचन प्रकल्प बनाया गया. 1994-95 की योजना अंतर्गत 100 एकड़ में गन्ने की उपज की गई. युती शासन के कार्यकाल में शक्कर कारखाना बंद पड़ने से गन्ने पर असर हुआ. जिसके चलते संस्था संकट में आयी. गन्ने की उपज के अभाव में जलापूर्ति बंद करनी पड़ी. परिणामस्वरुप कर्ज वसुली के लिए पुलगांव बैंक ने उच्च न्यायालय में मामला दर्ज किया.
तत्कालीन प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहनसिंग यह विदर्भ दौरे पर आये व संस्था की समस्या जानते हुए चार जिलों के किसानों के कर्ज पर का ब्याज माफ किया. जिस पर न्यायालय ने 4 करोड़ 89 लाख 10 रुपए संस्था को देने के आदेश केंद्र सरकार को दिये व न्यायालय के आदेश से संस्था कर्ज मुक्त हुई. यह संस्था नये से शुरु होने पर परिसर के 300 एकड़ के किसानों को जलापूर्ति करने के संदर्भ में प्रस्ताव राज्य के सहकार मंत्री बालासाहब पाटील को सातारा में दिया गया. जिस पर विदर्भ के किसानों बाबत शासन तत्पर होने की बात उन्होंने कहे जाने की जानकारी एड. प्रदीप देशमुख ने दी.

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