विदर्भ

१७ सरकारी कर्मचारियों की सेवा को संरक्षण

हाईकोर्ट ने दी राहत

  • राज्य सरकार को नोटीस जारी

नागपुर प्रतिनिधि/दि.३ – मुंबई हाईकोर्ट (Mumbai High Court) के नागपुर खंडपीठ (Nagpur Bench) द्वारा अमरावती सहित अकोला, यवतमाल, नागपुर, गडचिरोली, भंडारा, चंद्रपुर तथा वर्धा जिलों में विभिन्न सरकारी पदों पर कार्यरत १७ कर्मचारियों की सेवा को अंतरिम संरक्षण प्रदान किया गया है. न्या. रवि देशपांडे व न्या. पुष्पा गणेडीवाला की द्विसदस्यीय खंडपीठ द्वारा इन कर्मचारियों को यह राहत दी गई है. राहत प्राप्त करनेवाले कर्मचारियों में संध्या पवनारकर, माया लोणारे, प्रशांत निनावे, संजय लिखार, विजय निमजे, लक्ष्मीकांत हेडावू, गंगाधर पत्रे, वर्षा चवरे, किशोर निनावे, शारदा वाकोडीकर, दिनेश जुनोनकर, धर्मेंद्र निमजे, किशोर बोकरे, दीपक बोकरे, दीपक धार्मिक, दीपक बारापात्रे व प्रभा भेंडे का समावेश है. इन सभी कर्मचारियों की नियुक्ती अनुसूचित जमाति प्रवर्ग से हुई थी. लेकिन बाद में उनका अनुसूचित जमाति की वैधता के प्रमाणपत्र का दावा नामंजूर हो गया था. जिसकी वजह से उन्हें पुराने सरकारी आदेश के अनुसार विशेष पिछडा प्रवर्ग में शामिल किया गया था. वहीं अब २१ दिसंबर २०१९ के सरकारी निर्णयानुसार ११ माह के लिए अधिसंख्य पदों पर वर्ग किेया गया है. जिसके बाद उनकी सेवा समाप्त हो जायेगी. इस कार्रवाई के खिलाफ इन सभी कर्मचारियों ने एड. शैलेश नारनवरे के मार्फत उच्च न्यायालय में याचिका दाखिल की थी. जिसकी सुनवाई के समक्ष एड. नारनवरे ने बताया कि, उपरोक्त सरकारी निर्णय इन कर्मचारियों पर लागू नहीं होता. जिसे ग्राह्य मानते हुए हाईकोर्ट ने इन सभी सरकारी कर्मचारियों को राहत देने के साथ ही राज्य सरकार को नोटीस जारी की है.

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