नागपुर/प्रतिनिधि दि.३१ – अमरावती जिले में महिला सशक्तिकरण के लिए चलाई जा रही महाराष्ट्र ग्रामीण जीवनोत्ति यानी उमेद अभियान के लिए नेताओं में खींचतान चल रही है. महिला आर्थिक विकास महामंडल को उमेद के पास हस्तांतरित नहीं करने की मांग सांसद नवनीत राणा ने की है. सांसद राणा ने यह आरोप भी लगाया कि केवल राजनीतिक रोटियां सेंकने के लिए यह प्रयास किया जा रहा है. किसी का भी नाम न लेते हुए सांसद राणा ने राज्य की महिला व बालकल्याण मंत्री तथा पालकमंत्री यशोमति ठाकूर पर निशाना साधने की चर्चाएं भी राजनीतिक गलियारों में चल रही है. उमेद को लेकर महिला नेताओं में संघर्ष उमडने की संभावना बढ गई है.
बता दें कि, केंद्र व्दारा पुरस्कृत उमेद अभियान को अप्रैल 2018 में अमल में लाया गया. बीते 3 वर्षों में 19 हजार 200 समूह, 1 हजार 5 ग्रामसंघ और प्रभाग संघों की स्थापना की गई. इस अभियान में 1 लाख 92 हजार परिवार जोडे गए. उमेद अंतर्गत कार्यरत महिला संस्था, समूह, ग्रामसंघ, प्रभाग संघ और समुदास संसाधन की ओर से जिले में बेहत्तर काम चल रहा है. अभियान हस्तांतरित करने की कोई भी डिमांड नहीं है. यंत्रणाएं मजबूत होने पर भी महामंडल के पास हस्तांतरित करने की प्रक्रिया क्यों शुरु की गई है, यह सवाल भी सांसद नवनीत राणा ने ग्रामविकास विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव राजेशकुमार के समक्ष उठाया. केंद्र की ओर से 60 फीसदी निधि मिलता है. उनकी अनुमति के बगैर केवल अमरावती जिले में हस्तांतरण की प्रक्रिया चलाई नहीं जानी चाहिए, लोगों की भावनाओं को समझते हुए यह प्रक्रिया तत्काल रोकी जानी चाहिए की मांग भी उन्होंने की है. इस संबंध में मुख्यमंत्री उध्दव ठाकरे, केंद्रीय ग्रामविकास मंत्री नरेंद्रसिंग तोमर व राज्य के ग्रामविकास मंत्री हसन मुश्रीफ को निवेदन भेजा है. उमेद अभियान के मजबूतीकरण के चलते स्थानीय स्वराज्य संस्था मेें 768 महिलाएं चुनकर आयी है. महिलाओं की राजनीतिक प्रगति को देखते हुए कुछ लोगों को चुभन महसूस हो रही है. इस अभियान के माध्यम से हजारों स्वयं सहायता समूह तैयार किया गया. समूह के माध्यम से होने वाले करोडों रुपयों की आर्थिक लेन देन को महामंडल के गिरेबान में डालने का षडयंत्र रचा जा रहा है. यह षडयंत्र तोडने की चेतावनी भी सांसद नवनीत राणा ने दी है.